Chandrakant Devtale
चन्द्रकांत देवताले
जन्म : 7 नवम्बर, 1936; जौलखेड़ा, जिला – बैतूल (मध्यप्रदेश) में। शिक्षा : एम.ए. पी-एच.डी.।
कविता-संग्रह : ‘पहचान’ सीरीज़ में प्रकाशित हड्डियों में छिपा ज्वर (1973); दीवारों पर खून से (1975); लकड़बग्घा हँस रहा है (1980); रोशनी के मैदान की तरफ़ (1982); भूखण्ड तप रहा है (1982); आग हर चीज़ में बताई गई थी (1987); पत्थर की बैंच (1996); इतनी पत्थर रोशनी (2002); उसके सपने (विष्णु खरे-चन्द्रकांत पाटील द्वारा संपादित संचयन, 1997); बदला बेहद महँगा सौदा (नवसाक्षरों के लिए साम्प्रदायिकता विरोधी कविताएँ, 1995); उजाड़ में संग्रहालय (2003)। मराठी से अनुवाद : पिसाटी का बुर्ज – दिलीप चित्रे की कविताएँ (1987)। समीक्षा : मुक्तिबोध : कविता और जीवन विवेक (2003)। सम्पादन : दूसरे-दूसरे आकाश (1967, यात्रा-संस्मरण)। डबरे पर सूरज का बिम्ब (मुक्तिबोध का प्रतिनिधि गद्य, 2002)।
समकालीन साहित्य के बारे में अनेक लेख, विचार-पत्र तथा टिप्पणियाँ प्रकाशित। अंग्रेजी, मलयालम, मराठी से कविताओं के हिन्दी अनुवाद।
कविताओं के अनुवाद प्रायः सभी भारतीय भाषाओं और कई विदेशी भाषाओं में भी। अंग्रेजी, जर्मन, बांग्ला, उर्दू, कन्नड़ तथा मलयालम के अनुवाद-संकलनों में कविताएँ। लम्बी कविता भूखण्ड तप रहा है तथा संकलन उसके सपने का मराठी में अनुवाद। आवेग के अतिरिक्त त्रिज्या, वयम् तथा मराठी पत्रिका नंतर से सम्बद्ध रहे। ब्रेख्त की कहानी सुकरात का घाव का नाट्य-रूपान्तरण।
सम्मान एवं सम्बद्धता : सृजनात्मक लेखन के लिए ‘मुक्तिबोध फ़ैलोशिप’ तथा ‘माखनलाल चतुर्वेदी कविता पुरस्कार’ से सम्मानित। वर्ष 1986-87 में म.प्र. शासन का ‘शिखर सम्मान’। उड़ीसा की ‘वर्णमाला साहित्य संस्था’ द्वारा 1993 में ‘सृजन भारती’ सम्मान। 1999-2000 का ‘अ.भा. मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’। 2002 का ‘पहल सम्मान’। ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’। म.प्र. साहित्य परिषद् के उपाध्यक्ष के अतिरिक्त नेशनल बुक ट्रस्ट, राजा राममोहनराय लाइब्रेरी फाउण्डेशन, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आदि के सदस्य। केन्द्रीय साहित्य अकादमी के भी सदस्य रहे। अतिथि साहित्यकार, प्रेमचन्द सृजनपीठ, उज्जैन, मध्य प्रदेश से भी सम्बद्ध रहे।