Dhananjay Verma
प्रो. धनंजय वर्मा
जन्म: 14 जुलाई, 1935। ग्राम : छातेर, तहसील : उदयपुरा।
शिक्षा: जगद्लपुर, रायपुर और सागर में।
आजीविका: छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर, जगद्लपुर, भोपाल, खण्डवा, नरसिंहपुर, बरेली के महाविद्यालयों में अध्यापन।
संस्कृति विभाग : म.प्र. शासन में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी, मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला परिषद् के प्रथम सचिव, डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के पूर्व कुलपति।
कृतियाँ: निराला : काव्य और व्यक्तित्व, आस्वाद के धरातल, अँधेरा नगर, निराला काव्य : पुनर्मूल्यांकन, हस्तक्षेप, आलोचना की रचना यात्रा, अँधेरे के वर्तुल, आधुनिकता के बारे में तीन अध्याय, आधुनिकता के प्रतिरूप, समावेशी आधुनिकता, हिन्दी कहानी का रचनाशास्त्र, हिन्दी कहानी का सफ़रनामा, हिन्दी उपन्यास का पुनरावतरण, हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त, परिभाषित परसाई, आलोचना के सरोकार, लेखक की आज़ादी, आलोचना की ज़रूरत, परम अभिव्यक्ति की खोज, आलोचक का अन्तरंग, एक आवाज़ : सबसे अलग, नीम की टहनी (कविताएँ); साझी विरासत (उर्दू काव्य विमर्श) अभिव्यक्ति के रूपाकार, आलोचना आयाम।
सम्पादन: हिन्दी कहानी, कविता आलोचना, भाषा की उन्नीस पुस्तकों के अलावा मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ की पत्रिका ‘वसुधा’ का सम्पादन।
मूल्यांकन: शिलाओं पर तराशे मज्मून (धनंजय वर्मा पर एकाग्र) सम्पादक : विश्व रंजन, आलोचना के शिखर पुरुष (डॉ. धनंजय वर्मा) सम्पादक डॉ. प्रमोद त्रिवेदी रागभोपाली (डॉ. धनंजय वर्मा) विशेषांक।