Dr. Lalbahadur Singh Chauhan
डॉ. लालबहादुरसिंह चौहान
29 सितंबर सन् 1932 को आगरा जिले के ग्राम बमानी में जमींदार क्षत्रिय परिवार में माता श्रीमती मंगलकुमारी एवं पिता श्री चंद्रकेतुसिंह चौहान की प्रथम संतान ज्येष्ठ पुत्र के रूप में जन्मे। डॉ. चौहान की प्रारंभिक व मिडिल स्कूल की शिक्षा-दीक्षा सैमरा में हुई। डॉ. चौहान ने एम.जी.एम. हाईस्कूल जलेसर में एक वर्ष शिक्षा ग्रहण की तत्पश्चात् इंटरमीडिएट तक की शिक्षा विक्टोरिया इंटर कॉलेज, आगरा में प्राप्त की।
डॉ. चौहान को अपने बाल्यकाल में अपनी ननिहाल जलूखेड़ा (एटा) से बहुत लगाव रहा और वे अपने नानी- मामा के बहुत लाडले रहे। डॉ. चौहान ने डॉक्टरी का पंचवर्षीय कोर्स दिल्ली से उत्तीर्ण किया और टी.सी. हॉस्पीटल में एक वर्ष हाउस-सर्जन व फिजीशियन के पद पर कार्य किया। संप्रति आगरा में स्वतंत्र चिकित्सा-व्यवसाय कर रहे हैं।
डॉ. चौहान की प्रकाशित पुस्तकें –
- भारत के प्रमुख फल
- मेवात की लोककथाएँ, भाग 1 व भाग 2
- स्वाथ्यानुभूतियाँ
- अनुगूँज (काव्य-संग्रह)
- बुंदेलखंड की लोककथाएँ
- भारत की प्रमुख साग-सब्जियाँ
- बीमारियाँ और उनकी अनुभूत सरल चिकित्सा
- योगासन और स्वास्थ्य
- भारत की गरिमामयी नारियाँ
- भारत के महान् वैज्ञानिक
- हमारे राष्ट्र-रत्न
- ब्रजभूमि की लोककथाएं
दिल्ली, आगरा व मथुरा आकाशवाणी से डॉ. चौहान की वार्ताएँ व कविताएँ प्रसारित होती रहती हैं। भारतीय धर्म, दर्शन, नैतिकता एवं संस्कृति में पूर्ण निष्ठा तथा राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए साहित्य के माध्यम से अनवरत प्रयासरत हैं। पत्र-पत्रिकाओं में डॉ. चौहान की रचनाएँ बराबर प्रकाशित होती रहती हैं।