Giriraj Kishore

Giriraj Kishore

गिरिराज किशोर

जन्म : 1937, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)।

शिक्षा : एम.एस.डब्ल्यू.। 1995 में दक्षिण अफ्रीका एवं मॉरीशस की यात्रा।

प्रकाशित कृतियाँ : लोग, चिड़ियाघर, जुगलबन्दी, दो, तीसरी सत्ता, दावेदार, यथा-प्रस्तावित, इन्द्र सुनें, अन्तर्ध्वंस, परिशिष्ट, यात्राएँ, ढाईघर, गिरमिटिया (उपन्यास); नीम के फूल, चार मोती बेआब, पेपरवेट, रिश्ता और अन्य कहानियाँ, शहर-दर-शहर, हम प्यार कर लें, गाना बड़े गुलाम अली खाँ का, जगत्तारणी, वल्दरोजी, आन्द्रे की प्रेमिका और अन्य कहानियाँ (कहानी-संग्रह); नरमेध, घास और घोड़ा, प्रजा ही रहने दो, जुर्म आयद, चेहरे-चेहरे किसके चेहरे, केवल मेरा नाम लो, काठ की तोप (नाटक); गुलाम-बेगम-बादशाह (एकांकी-संग्रह); कथ-अकथ, लिखने का तर्क, संवाद सेतु, सरोकार (निबंध-संग्रह)।

सम्मान : हिन्दी संस्थान उत्तर प्रदेश का नाटक पर ‘भारतेन्दु पुरस्कार’; मध्यप्रदेश साहित्य परिषद का परिशिष्ट उपन्यास पर ‘वीरसिंह देव पुरस्कार’; उत्तर प्रदेश हिन्दी सम्मेलन द्वारा ‘वासुदेव सिंह स्वर्ण पदक’; 1992 का ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’; ‘ढाईघर’ के लिए उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा ‘साहित्य भूषण सम्मान’; महात्मा ‘गांधी सम्मान’, हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश; ‘व्यास सम्मान’, के.के. बिडला न्यास, नई दिल्ली; ‘जनवाणी सम्मान’, हिन्दी सेवा न्यास, इटावा।

आजकल ‘कस्तूरबा’ पर उपन्यास लिखने में व्यस्त।

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