Gita Nagbhushan translated Bhalchandra Jayshetty
गीता नागभूषण (जन्म : 1942 सावाल्गी गाँव, गुलबर्गा, कर्नाटक) कननड की प्रख्यात कथाकार। अब तक आपकी 36 कृतियाँ प्रकाशित, जिनमें 31 उपन्यास, 4 कहानी-संग्रह, अनुसंधानपरक कृति है। आपके उपन्यास हासिमांसा मत्तु हाडुगळु पर फिल्म बनी और यह कृति मराठी में भी अनूदित हुई है। कई कहानियों पर दूरदर्शन ने फिल्में बनाई और कहानियाँ कर्नाटक के कई विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं। आपको कर्नाटक साहित्य अकादेमी की पहली महिला अध्यक्ष होने का गौरव प्राप्त है। साहित्य अकादेमी पुरस्कार के अतिरिक्त आपको तीन बार कन्नड साहित्य परिषद् पुरस्कार तथा अन्य कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कारों/सम्मानों से अलंकृत किया गया है। आप 2000 में नगरेश्वर जूनियर कॉलेज, गुलबर्गा के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हुई हैं।
भालचंद्र जयशेट्टी (जन्म : 1939, राजेश्वर, ज़िला बिदार, कर्नाटक) विगत 45 वर्षों से आप कन्नड-हिंदी भाषा साहित्य के संपर्क-सेतु के रूप में कार्य कर रहे हैं। लगभग 30 अनूदित रचनाएँ और उतनी ही मौलिक रचनाएँ प्रकाशित। काव्यार्थ चिंतन (ले. : जी.एस. शिवरुद्रप्पा) के हिंदी अनुवाद के लिए वर्ष 2009 का साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार। 1994 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय से भारतीय काव्य मीमांसा पुस्तक के अनुवाद हेतु पुरस्कृत। 2003-04 में कर्नाटक साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित। कन्नड साहित्य सम्मेलन के ज़िला अध्यक्ष रहे। कर्नाटक शासकीय महाविद्यालयों में 32 वर्षों की सेवा के बाद प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त।