Gopabandhu Mishr
विश्वभारती, शांतिनिकेतन से संस्कृत में स्नातकोत्तर (1979) प्रो. गोपबन्धु मिश्र 1981 में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (बिहार) से आचार्य हुए। तदनंतर, पी.एच.डी. और डी.लिट्. किया। इससे पूर्व, 1980 में आरा के वी.के.एस. यूनिवर्सिटी में संस्कृत में लेक्चरर हुए। फिर पदोन्नत बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में रीडर पद पर नियुक्त हो गए। वहीं प्रोफेसर (2005) हुए। सन् 2013 में वे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभागाध्यक्ष हुए। इसके पश्चात् 2018 में तीन वर्षों की अवधि के लिए श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, वेरावल (गुजरात) के वाइस चांसलर के रूप में अपनी सेवा दी। आईसीसीआर के सौजन्य से 2010 से 2012 की अवधि के लिए पेरिस (फ्रांस) के सोर्बोन नोवेल यूनिवर्सिटी में संस्कृत के अतिथि प्रोफेसर रहे। तदनंतर, जर्मनी के लीपजिग यूनिवर्सिटी तथा हाइडलबर्ग यूनिवर्सिटी में क्रमशः व्याख्यान देने तथा संस्कृत पाठ्यक्रम के सिलसिले में यात्राएँ कीं। पेरिस में 2015 में ‘हीरायामा सम्मान’ समेत अन्य सम्मान भी मिले। ‘अमृतफलम्’ (संस्कृत अनुवाद) के लिए साहित्य अकादेमी के ‘अनुवाद पुरस्कार’ से सद्यःयशपुरस्कृत। अब तक आठ से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा 11 पुस्तकों का संपादन भी इनके नाम दर्ज है। संप्रति, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत के प्रोफेसर पद पर कार्यरत हैं।