Gunakar Muley
गुणाकर मुले
जन्म : विदर्भ के अमरावती जिले के सिंदी बुजरूक गांव में, 3 जनवरी, 1935 को। आरंभिक पढ़ाई गांव के मराठी माध्यम के स्कूल में। स्नातक और स्नातकोत्तर (गणित) अध्ययन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में। आरंभ से ही स्वतंत्र लेखन। विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरातत्व, पुरालिपिशास्त्र, मुद्राशास्त्र और भारतीय इतिहास व संस्कृति से संबंधित विषयों पर करीब 35 मौलिक पुस्तकें और 3000 से ऊपर लेख हिंदी में और लगभग 250 लेख अंग्रेजी में प्रकाशित। विज्ञान, इतिहास और दर्शन से संबंधित दर्जन-भर ग्रंथों का हिंदी में अनुवाद।
सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (नई दिल्ली) द्वारा अध्यापकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण-शिविरों में लगभग एक दशक तक वैज्ञानिक विषयों पर व्याख्यान देते रहे।
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (नई दिल्ली) द्वारा प्रदत्त सीनियर फैलोशिप के अंतर्गत ‘भारतीय विज्ञान और टेक्नोलॉजी का इतिहास’ से संबंधित साहित्य का अध्ययन-अनुशीलन। विज्ञान प्रसार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार) के दो साल फेलो रहे।
प्रमुख कृतियां : अक्षर-कथा, भारत : इतिहास और संस्कृति, आकाश-दर्शन, संसार के महान गणितज्ञ, तारों भरा आकाश, भारतीय इतिहास में विज्ञान, नक्षत्र-लोक, अंतरिक्ष-यात्र, सौरमंडल, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, महाराष्ट्र के दुर्ग, गणितज्ञ-ज्योतिषी आर्यभट, भारतीय अंक-पद्धति की कहानी, भारतीय लिपियों की कहानी, भारतीय विज्ञान की कहानी, भारतीय सिक्कों का इतिहास, भास्कराचार्य, कंप्यूटर क्या है, कैसी होगी इक्कीसवीं सदी, खंडहर बोलते हैं, बीसवीं सदी में भौतिक विज्ञान, कृषि-कथा, महान वैज्ञानिक महिलाएं, प्राचीन भारत में विज्ञान, भारत के प्रसिद्ध किले, हमारी प्रमुख राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं, गणित की पहेलियां, भारत : इतिहास, संस्कृति और विज्ञान आदि।
पुरस्कार-सम्मान : हिंदी अकादमी (दिल्ली) का साहित्य सम्मान पुरस्कार। केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा) का आत्माराम पुरस्कार। बिहार सरकार के राजभाषा विभाग का जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार। मराठी विज्ञान परिषद् (मुंबई) द्वारा श्रेष्ठ विज्ञान-लेखन के लिए सम्मानित। ‘आकाश-दर्शन’ व ‘संसार के महान गणितज्ञ’ ग्रंथों के लिए प्रथम मेघनाद साहा पुरस्कार। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् (NCSTC) का राष्ट्रीय पुरस्कार।
निधन : 16 अक्टूबर, 2009