Hari Krishna Devsare
हरिकृष्ण देवसरे
डॉ० हरिकृष्ण देवसरे हिंदी के सुपरिचित लेखक हैं। हिंदी बाल-साहित्य पर हिंदी में प्रथम शोध प्रबंध प्रस्तुत कर बाल-साहित्य पर शोध की परंपरा का सूत्रपात करने में डॉ० देवसरे का बाल-साहित्य समीक्षा के क्षेत्र में प्रशंस्य योगदान रहा है। मौलिक लेखक के रूप में डॉ० देवसरे की बाल-साहित्य संबंधी तीन सौ पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने विविध विधाओं में भी पर्याप्त साहित्य लिखा है।
खाली हाथ(उपन्यास), ‘अगर ठान लीजिए (चरित्र-विकास) आदि उनकी कुछ उल्लेखनीय पुस्तकें हैं। उसी क्रम में उनकी ये पुस्तकें हैं, अथ नदी कथा और पर्वतगाथा’ । शोधपरक लेखन डॉ० देवसरे की विशेषता है। मीडिया के लिए भी डॉ० देवसरे की सेवाएँ उल्लेखनीय हैं। लगभग चौबीस वर्ष तक आकाशवाणी में विभिन्न पदों पर कार्य करने के अतिरिक्त आपने दूरदर्शन के लिए दस से अधिक धारावाहिकों, बीस वृत्तचित्रों एवं दस टेलीफिल्मों का लेखन, निर्देशन एवं निर्माण भी किया।
डॉ० देवसरे कई संस्थाओं से सम्मानित और पुरस्कृत हुए हैं। आपको बच्चों में विज्ञान लोकप्रियकरण’ के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने बाल-साहित्य भारती’ पुरस्कार से सम्मानित किया और हिंदी अकादमी, दिल्ली ने साहित्यकार सम्मान दिया। आपको पद्मा बिनानी फाउंडेशन की बाल साहित्य के उन्नयन को समर्पित संस्था ‘वात्सल्य’ द्वारा एक लाख रुपये के प्रथम वात्सल्य पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।
संप्रति – स्वतंत्र लेखन।