Hemchandra Pandey
हेमचंद्र पांडे
प्रस्तुत कहानी-संग्रह के अनुवाक हैं, हेमचंद्र पांडे (जन्म : 1943)। आप मूल रूप से उत्तरांचल के कुमाऊँ क्षेत्र से हैं। आपने हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड, नासिक (1964-1966) में रूसी भाषा के शिक्षक के रूप में कार्य किया। रूसी और हिंदी भाषा, रूसी भारतविद्या, रूसी-हिंदी व्यतिरेकी व्याकरण, तंत्रिका भाषा विज्ञान आदि विषयों पर आपके विविध लेख भारतीय और विदेशी पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। मौलिक कृति भाषा; मस्तिष्क और चेतना तथा एक पत्ते की कहानी तथा अन्य कहानियाँ (बाल कहानियाँ), के अतिरिक्त आपकी अनूदित कृतियाँ हैं – अपनी ज़बान में कुछ कहे – विक्तीरिया तोकारेवा की कहानियाँ, अंतिय बड़ी-वलेन्तीन रस्पूतिन, समकालीन रूसी कहानियाँ, तीन रूसी उपन्यास-वलेन्तीन रस्पूतिन। आप केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा प्रकाशित समेकित हिंदी-संयुक्त राष्ट्रभाषा कोश के रचयिताओं में से एक हैं। वैज्ञानिक-तकनीकी अनुवाद की पत्रिका JISTA के संपादक रहे प्रो. पांडे, रूसी अध्ययन केंद्र, भाषा, साहित्य तथा संस्कृति संस्थान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं।
भारत में रूसी साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान एवं अनुवादक हेमचंद्र पांडे ने इन कहानियों का चयन इस दृष्टि से किया है कि बीसवीं शताब्दी के परंपरागत मूल्यों के परस्पर टकराव और बिखराव को पूर्ववर्ती और परवर्ती पीढ़ियों के माध्यम से समझा जा सके।