Jagmohan Singh
डॉ. जगमोहन सिंह
शहीद भगत सिंह की छोटी बहन अमर कौर (अब दिवंगत) के बेटे। सम्प्रति पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में कृषि इंजीनियरिंग विषय में अध्यापक और पंजाब जनतांत्रिक अधिकार सभा के महासचिव।
प्रो. चमन लाल
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में भारतीय भाषा केन्द्र के अध्यक्ष तथा पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में हिन्दी विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चमन लाल का जन्म 1947 में पंजाब के बठिण्डा जिले में हुआ। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से हिन्दी व पंजाबी में एम.ए. करने के पश्चात् उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से भाषाविज्ञान में एम.ए., हिन्दी में एम.फिल तथा पी-एच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त कीं।
1985 में पंजाबी विश्वविद्यालय में लेक्चरर पद पर आने से पहले डॉ. चमन लाल कार्पोरेशन बैंक, बम्बई में हिन्दी अधिकारी (1982-83) व दैनिक जनसत्ता दिल्ली में उप-सम्पादक (1984-85) रहे। वे गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर में हिन्दी विभाग में 1994-95 के दौरान रीडर रहे। 1996 में वे पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में रीडर बने। 2005 में वे भारतीय भाषा केन्द्र, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में हिन्दी अनुवाद के प्रोफेसर नियुक्त हुए।
भगत सिंह पर उनका विशेष काम है। पाँच पुस्तकों के अलावा देश-विदेश में उन्होंने भगत सिंह पर चालीस विशेष व्याख्यान दिए हैं।
साहित्य अकादमी, नई दिल्ली ने 2001 के लिए उनकी अनूदित पुस्तक ‘समय ओ भाई समय’ को राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार के लिए चुना और केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, नई दिल्ली ने उनकी एक और पुस्तक ‘कभी नहीं सोचा था’ पर 2001 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिया। 2003 के लिए उन्होंने भाषा विभाग, पंजाब का हिन्दी लेखन के लिए सर्वोच्च पुरस्कार ‘शिरोमणि हिन्दी साहित्यकार’ विश्व पंजाबी कांफ्रेंस के अवसर पर प्राप्त किया।
प्रो. चमन लाल हिन्दी, पंजाबी व अंग्रेजी तीनों भाषाओं के लेखक व तीनों भाषाओं में उनकी 40 पुस्तकें प्रकाशित हैं। इसके अलावा तीनों भाषाओं में उनके पाँच सौ से अधिक शोध-पत्र व लेख, समीक्षाएँ तथा अनुवाद प्रकाशित हैं। राजकमल से प्रकाशित अनूदित-सम्पादित पुस्तकें: भगत सिंह और उनके साथियों के दस्तावेज़, बीच का रास्ता नहीं होता, समय ओ भाई समय (कविता)।