Janki Prasad Sharma
जानकीप्रसाद शर्मा
जन्म : 5 मार्च 1950, सिरोंज (विदिशा), मध्यप्रदेश।
भोपाल विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम.ए., पी-एच.डी.। जामिया उर्दू, अलीगढ़ से अदीब। लाजपतराय कॉलेज, साहिबाबाद (ग़ाजि़याबाद) से हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त (2012)।
प्रकाशन : ‘उर्दू साहित्य की परम्परा’, ‘रामविलास शर्मा और उर्दू’, ‘शानी’ (साहित्य अकादेमी मोनोग्राफ़), ‘कविता की नई काइनात’, ‘कहानी का वर्तमान’, ‘कहानी : एक संवाद’, ‘उपन्यास : एक अंतर्यात्रा’ और ‘गाहे ब गाहे’ आलोचना पुस्तकें। ‘शानी रचनावली’ का सम्पादन (छह खंडों में)। उर्दू से हिन्दी अनुवाद की तीन दर्जन से अधिक पुस्तकों में से तेरह पुस्तकें केन्द्रीय साहित्य अकादेमी से प्रकाशित। सज्जाद ज़हीर की ‘रौशनाई’, डॉ. मुहम्मद उमर की ‘हिन्दुस्तानी तहज़ीब का मुसलमानों पर असर’, क़ज़ी अब्दुस्सत्तार के उपन्यास’दाराशुकोह’ व ‘ग़ालिब’ के अनुवाद विशेषत: उल्लेखनीय।
पुरस्कार : हिन्दी अकादमी, दिल्ली का हिन्दी सेवा सम्मान 2016।