John Stratton Hawley
जॉन स्ट्रैटन हौली
जॉन स्ट्रैटन हौली-जैक-के नाम से भी जाने जाते हैं। भारत की भक्ति परंपरा पर आपकी चर्चित किताबें हैं – अ स्ट्रोर्म ऑफ़ सांग्स : इंडिया एंड दि आइडिया ऑफ़ दि भक्ति मूवमेंट (होर्वार्ड, 2015), सूर ‘स ओशन (कैनेथ ब्रायंट के साथ, होर्वार्ड, 2015), इन टू सूर ‘स ओशन (होर्वार्ड ओरिएंटल सीरीज, 2016), सूरदास : पोएट, सिंगर, सैंट (प्राइमस, 2018)। आप गुग्गेनहेम और फुलब्राइट-नेहरु फेलो रह चुके हैं और अमेरिकन अकेडमी ऑफ़ आर्ट्स एंड साइंस के लिए भी मनोनीत हो चुके हैं।
फ़िलहाल कोलम्बिया यूनिवर्सिटी के बर्नार्ड कॉलेज के धर्म विभाग में प्रोफेसर हैं।
अनुवादक – अशोक कुमार
बिहार में 1974 के जन-आन्दोलन की पत्रिका ‘तरुण क्रांति’ और ‘समग्रता’ में पत्रकारिता का प्रारंभिक पाठ पढने के बाद दिल्ली के भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता का डिप्लोमा। ‘धर्मयुग’ (पत्रिका), ‘जनसत्ता’ (दैनिक), ‘इंडिया टुडे हिंदी’ (पत्रिका), ‘इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी’ और ‘शुक्रवार’ के सम्पादक मंडल में विभिन्न पदों पर काम करने के बाद सम्प्रति गांधी शांति प्रतिष्ठान से जुड़ाव। आपके अनुवाद में ज्याँ द्रेज और अमर्त्य सेन की कृति ‘भारत और उसके विरोधाभास’ राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है।