Kamna Singh
कामना सिंह
जन्म : आगरा (उ.प्र.)
शिक्षा : एम.ए. (दर्शनशास्त्र, हिन्दी), पी.एच.डी. (दर्शनशास्त्र, हिन्दी)। बी.ए., एम.ए. (द्वय) की परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान सहित अनेक स्वर्ण पदक। बच्चों एवं बड़ों के लिए समान दक्षता से लेखन।
उपन्यास : ‘बोल मेरी मछली’, ‘पद्म-अग्नि’, ‘लॉकडाउन डेज़’, ‘गंगा साक्षी है’, ‘सूरज संग बहती नदी’ और ‘अनलॉक ज़िन्दगी’।
कहानी संग्रह : ‘हवा को बहने दो ‘(पुरस्कृत), फिर वसन्त आया (ई-बुक), ‘मन सतरंगी’।
कविता संग्रह : ‘समां सौगात बन जाये’।
समीक्षा : रवीन्द्रनाथ टैगोर के दर्शन में मानववाद, श्री रामकृष्ण-विवेकानन्द का धर्म दर्शन, स्वातन्त्र्योत्तर हिन्दी बालसाहित्य, हिन्दी बालसाहित्य एवं बालविमर्श में सहलेखन, उषा यादव का रचना संसार, उषा यादव के उपन्यासों में नारी-सशक्तीकरण ।
बाल एवं किशोर उपन्यास : (लगभग दो दर्जन)।
पुरस्कार-सम्मान : उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ से नामित सूर पुरस्कार तथा निरंकारदेव सेवक बाल साहित्य इतिहास लेखन सम्मान। ‘हवा को बहने दो’ को राष्ट्रीय पुरस्कार ।
विशेष : पत्र-पत्रिकाओं में व्यापक प्रकाशन। पाठ्यक्रम में रचनाओं का संकलन। अनेक कला प्रदर्शनियों में सहभागिता।