Kove Manisekaran translated T S K Kannan
कुट्राल कुरिंजि के लेखक कोवि. मणिशेखरन (जन्म : 2 मई 1927) लोकप्रिय संगीतज्ञ, उपन्यासकार, कथाकार, फ़िल्म आलेखक तथा फ़िल्म-निर्माता की विभिन्न भूमिकाओं वाले एक दुर्लभ व्यक्तित्व हैं। अब तक आप 1000 से अधिक कहानियाँ, 157 उपन्यास, 9 नाटक, और 3 फ़िल्में लिख चुके हैं तथा 4 तमिष़ साप्ताहिकों का सम्पादन कर चुके हैं।
तमिलनाडु के उत्तर आरकाट ज़िले के वेल्लूर में जन्मे मणिशेखरन अण्णामलाई विश्वविद्यालय से कर्नाटक संगीत के स्नातक हैं। कलाईमळरम साप्ताहिक से साहित्यिक पत्रकारिता शुरू करके आप मुरुगु और फिर मंगलम के प्रबंध संपादक रहे। 1972, 1981 तथा 1985 में तमिष़ भाषा के विकास के लिए आपको राज्य पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। अपनी साहित्यिक सेवाओं के लिए उन्हें राजा सर अण्णामलाई स्मृति पुरस्कार, बी.जी.पी. पुरस्कार, तिरु.वी.कल्याण- सुंदरनार पुरस्कार तथा कल्कि कहानी पुरस्कार तथा साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्रदान किए गए। आपकी लिखित और निर्देशित फ़िल्मों में तेन्नंगीट्रु, मनोरंजितम् यागसालई शामिल है।
प्रस्तुत कृति के अनुवादक त.शि.क. कण्णन (जन्म : 30 मार्च 1941) सुपरिचित अनुवादक एवं लेखक हैं और तमिष़ भाषा अकादेमी, चेन्नई के संस्थापक हैं। आपने तमिष़ की कई कृतियों का हिन्दी अनुवाद किया है, साथ ही हिन्दी में बहुत-सी कृतियों का सृजन किया है। आपने तमिष़ से संस्कृत और हिन्दी से तमिष़ में भी अनुवाद किया है। आपको मानव संसाधन मंत्रालय के हिन्दी लेखन पुरस्कार तथा तमिष़नाडु सरकार के तिरुवळ्ळुवर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।