Kubernath Rai
कुबेरनाथ राय
प्रख्यात ललित निबन्धकार।
जन्म : 1935, मतसा (गाज़ीपुर) उत्तर प्रदेश।
प्रमुख रचनाएँ : मराल, प्रिया नीलकण्ठी, रस-आखेटक, गन्धमादन, निषाद बाँसुरी, विषाद योग, पर्णमुकुट, महाकवि की तर्जनी, मणिपुतुल के नाम, किरात नदी पर चन्द्रमधु, मनपवन की नौका, दृष्टि अभिसार, ज्रेता का बृहत्साम, उत्तर कुरु, मराल, अंधकार में अग्निशिखा, वाणी का क्षीर सागर, कथा-मणि, कामधेनु और रामायण महातीर्थम्।
उपलब्धियाँ : ‘कामधेंनु’ भारतीय ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी पुरस्कार से सम्मानित, इसी पर उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार। ‘गन्धमादन’, ‘विषाद योग’, ‘पर्ण मुकुट’ भी हिन्दी संस्थान द्वारा पुरस्कृत। ‘महाकवि की तर्जनी’, ‘मानस संगम’ कानपुर, साहित्य अनुसन्धान परिषद् कलकत्ता और उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पुरस्कार। ‘त्रेता का बृहत्साम’ भारतीय भाषा परिषद् कलकत्ता से पुरस्कृत।
निधन : 5 जून, 1996 गाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश)।