Lahari Ram Meena
लहरी राम मीणा
जन्म : सन् 1985, गाँव–रामपुरा उर्फ बान्यावाला, नियर : एनएच-8, एमिटी यूनिवर्सिटी, जयपुर।
शिक्षा एम. फिल., पीएच.डी., दिल्ली विश्वविद्यालय। आप प्रतिष्ठित युवा आलोचक, कवि एवं रंग-समीक्षक हैं।
आपकी कृतियाँ हैं – साहित्य का रंगचिन्तन, भारतेन्दु : एक नयी दृष्टि, समकालीन साहित्य- दृष्टि, जिस उम्मीद से निकला, लक्ष्मीनारायण लाल : विनिबन्ध, आलोचना का जनतन्त्र प्रकाश्य। जिस उम्मीद से निकला काव्य-संग्रह का अवधी, उर्दू एवं राजस्थानी भाषा में अनुवाद हो चुका है। नाटक एवं रंगमंच के क्षेत्र में आप सक्रिय हैं। आप राजस्थान साहित्य अकादमी का ‘देवराज उपाध्याय आलोचना पुरस्कार’, नान्दी सेवा न्यास, वाराणसी का ‘युवा सृजन शिखर पुरस्कार’ एवं हिन्दुस्थानी न्यूज़ एजेंसी, लखनऊ द्वारा ‘भारतीय भाषा सम्मान’ सहित अनेक सम्मानों एवं पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।
सम्प्रति : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं।