Lalit Surjan

Lalit Surjan

ललित सुरजन

जन्म : 1946।

ललित सुरजन दैनिक ‘देशबंधु’ और ‘अक्षर पर्व’ मासिक के प्रधान सम्पादक थे। 1961 से पत्रकारिता में कार्यरत ललित जी का लेखन अक्सर बेतरतीब रहा, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वे नियमित कॉलम और लेख लिखते रहे। इनका प्रकाशन ‘देशबंधु’ के अलावा ‘लोकमत समाचार’, ‘प्रभात ख़बर’, ‘ट्रिब्यून’ और ‘जनमोर्चा’ आदि पत्रों में भी अक्सर होता था। ललित सुरजन ने अनेक लेखों का अंग्रेज़ी में स्वयं अनुवाद किया था और ‘बनाना पील’ (केले का छिलका) शीर्षक से एक सी.डी. भी जारी की थी। उनके निबन्धों का एक संकलन ‘समय की साखी’ कुछ समय पहले ही प्रकाशित हुआ था।

ललित सुरजन कवि भी थे और उनके दो कविता-संकलन प्रकाशित हैं। इनमें से अनेक कविताएँ ‘पहल’, ‘वसुधा’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य’, ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ आदि में छपी हैं और मराठी, उड़िया, तेलगू, कन्नड़ एवं बांग्ला में अनूदित भी हुई हैं।

लेखक का गहरा विश्वास नेहरू-मेनन के राजनैतिक दर्शन में है। इसे उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता और स्वाधीन भारत में हिन्दी में मूल्यपरक पत्रकारिता के पुरोधा और जाने-माने संस्कृतिकर्मी मायाराम सुरजन और उनके अन्यतम मित्र स्व. हरिशंकर परसाई से पाया।

ललित सुरजन अखिल भारतीय शान्ति एवं एकजुटता संगठन के उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष थे। इनके अलावा वे अनेक सामाजिक संस्थाओं और आन्दोलनों से जुड़े हुए थे।

निधन : 2 दिसम्बर, 2020

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