Makarand Sathe

Makarand Sathe

मकरंद साठे

मकरंद साठे का जन्म 29 अगस्त, 1957 को हुआ। उन्होंने वास्तुकला इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद पेशेवर वास्तुकार और इंटीरियर डिज़ाइनर के रूप में लगभग पच्चीस वर्ष तक काम किया। फिर पूरी तरह लेखन को समर्पित हो गए। 1996 से आज तक पुणे विश्वविद्यालय के ललित कला केन्द्र विभाग में विज़िटिंग लेक्चरर हैं। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस स्टडी, शिमला में नेशनल फ़ेलो रह चुके हैं। नवोन्वेषी नाटककार और लेखक के रूप प्रसिद्ध मकरंद साठे ने मराठी नाटक और साहित्य को नई दिशा दी है। उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं—रोमन साम्राज्याची पडझड, चारशे कोटी विसरभोळे, सापत्नेकराचं मूल, ऐसपैस सोईने बैस, ठोंब्या, सूर्य पाहिलेला माणूस, डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट गोळायुग डॉट कॉम, चौक, ते पुढे गेले, दलपतसिंग येती गावा, घर, वाढदिवस, आषाढ बार, एक्झिट (नाटक); अच्युत आठवले अणि आठवन, ऑपरेशन यमु, काळे रहस्य, गार्डन ऑफ़ ईडन उर्फ़ साई सोसायटी, मेलेल्या लेखकांची चौकशी, ​त्रिविधा (उपन्यास); मराठी रंगभूमीच्या तीस रात्री (तीन खंडों में मराठी थियेटर का इतिहास)। उनके कई नाटकों का अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, हिन्दी, उर्दू, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद हुआ है। नाटक-लेखन के साथ-साथ उन्होंने मंच डिज़ाइन और थिएटर-निर्देशन के क्षेत्र में भी काम किया है। कई फ़िल्मों की पटकथाएँ लिखी हैं और फ़िल्मों का निर्देशन भी किया है।

उन्हें दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार, कलागौरव पुरस्कार, श्री. जे. जोशी पुरस्कार, एच.एस. आप्टे पुरस्कार, जयवन्त दलवी पुरस्कार, महाराष्ट्र फाउंडेशन पुरस्कार, नाट्यदर्पण पुरस्कार, साहनी पुरस्कार और गंगाधर गाडगिल साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

ई-मेल : makarand.sathe@gmail.com

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