Mikhaiel Sholokhov

Mikhaiel Sholokhov

मिखाइल शोलोख़ोव

जन्म : 24 मई (पुराने कैलेंडर के अनुसार 11 मई), 1905, वेशेन्स्काया, रूस।

गोर्की के उत्तराधिकारियों की पीढ़ी के अग्रणी लेखक। साहित्य के लिए वर्ष 1965 का ‘नोबेल पुरस्कार’ मिला। सोवियत संघ की विज्ञान अकादमी के सदस्य रहे। 1932 से सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य। चार खंडों वाले विश्व–प्रसिद्ध उपन्यास ‘धीरे बहे दोन रे…’ के लिए ‘स्तालिन पुरस्कार’ (1941) और ‘कुँवारी धरती’ (दो ख्ंड) के लिए ‘लेनिन पुरस्कार’ (1960) मिला।

कज़्ज़ाक़ इलाक़े के एक किसान परिवार में जन्मे शोलोख़ोव ने 1918 तक विभिन्न हाईस्कूलों में शिक्षा प्राप्त की। गृहयुद्ध ने इस सिलसिले को बीच में ही तोड़ दिया। शोलोख़ोव ने बोल्शेविकों का पक्ष लिया और लाल सेना में शामिल होकर श्वेत गार्डों और उनके कज़्ज़ाक़ समर्थकों से लड़े। गृहयुद्ध के बाद, 1922 में पत्रकार बनने के लिए मास्को चले गए। शुरू में अख़बारों में कुछ कहानियाँ छपीं। 1926 में ‘दोन की कहानियाँ’ नामक कहानियों की पहली पुस्तक छपी। 1925 में ही ‘धीरे बहे दोन रे…’ का लेखन शुरू किया। इसका चौथा और अन्तिम खंड 1940 में छपा।

कुछ कहानियों को छोड़कर, शोलोख़ोव का पूरा कथा–संसार दक्षिणी रूस के दोन क्षेत्र के कज़्ज़ाक़ों के जीवन में आवेगमय आधी सदी के दौरान आए परिवर्तनों के सूक्ष्म, व्यापक और वैविध्यपूर्ण चित्र उपस्थित करते हुए क्रान्तिकारी यथार्थवाद और मानवतावाद के सीमान्तों को नया विस्तार देता प्रतीत होता है।

निधन : 21 फरवरी, 1984, वेशेन्स्काया, सोवियत संघ।

You've just added this product to the cart: