Mohammad Aslam Khan
मो. असलम खान
जन्म : नवम्बर 14, 1960, दिल्ली।
शिक्षा : स्नातक।
साहित्य रचना : 12 नाटक।
सम्मान : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सम्मान-2013 (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ) (नाटक : गुलाम रिश्ते)।
स्व. पिता मोहम्मद रफ़ीक ख़ान से हमेशा प्रभावित रहा हूँ। 1947 में थल सेना लाहौर में तैनात थे। उन्होंने पाकिस्तान का विरोध किया, तब भारत आ गये।
मैं 1979 से राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त निर्देशक सलीम आरिफ़, दिनेश खन्ना, शाखा बन्द्योपाध्याय, सन्तराम आदि के द्वारा रंगमंच और आकाशवाणी के लिए नाटक करता रहा।
मेरे लिखे चार चर्चित नाटक खिलौनों की बारात, नवाब झूमर-II, अन्तिम प्रजा और गुलाम रिश्ते हैं। वर्तमान में जो मैं ऐसा जानती नाटक का लेखन।
समाज की कुरीतियाँ ही मुझे लिखने को बाध्य करती हैं। K. V. School की संगीत टीचर भट्टाचार्य मैम की शिक्षा से मेरे नैतिक विकास पर गहरा असर पड़ा, क्योंकि वो मेरे लिए सरस्वती समान थीं व विलियम शेक्सपियर और प्रेमचन्द मेरे आदर्श रहे हैं।
बच्चों से इतना लगाव है कि आज भी मैं उनकी यूनीफॉर्म देखकर रोमांचित हो जाता हूँ। मैंने कोरोना काल से ही बच्चों पर 50 नाटक लिखने की योजना बनाई जो बच्चों को रोचक लगे और उनका मार्गदर्शन करे तथा वर्तमान के साथ देश का इतिहास भी मालूम हो।
संगीत और कला किसी भी देश की उन्नति का माध्यम होता है। मैं ‘वाणी प्रकाशन ग्रुप’ का आभारी हूँ, जिन्होंने मेरे संग्रह सपनों का बचपन की योग्यता को समझा और प्रकाशित कर सामाजिक हित में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।