Mridula Sinha

Mridula Sinha

मृदुला सिन्हा

मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला (बिहार) के छपरा गाँव में 27 नवम्बर, 1942 को जन्मीं, श्रीमती मृदुला सिन्हा ने अपनी प्रारम्भिक छात्रावासीय शिक्षा बालिका विद्यापीठ, लखीसराय (बिहार) से प्राप्त की। उन्होंने बिहार विश्वविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर से मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर एवं शिक्षा में स्नातक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कीं। विश्वविद्यालय की शिक्षा पूर्ण करने के बाद महिला कॉलेज, मोतिहारी (बिहार) में मनेविज्ञान के प्राध्यापक के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन प्रारम्भ किया।

श्रीमती सिन्हा रेडियो, दूरदर्शन तथा निजी क्षेत्र के टेलीविज़न चैनलों द्वारा राजनैतिक मुद्दों तथा महिलाओं और बच्चों पर आयोजित विचार-विमर्श में नियमित रूप से भाग लेती रहीं। समय-समय पर उनके लेख-निबन्ध तथा विचारपूर्ण साक्षात्कार विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। उन्होंने टेलीविज़न कार्यक्रमों के लिए बहुआयामी आलेख भी लिखे । विभिन्न विधाओं में 64 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित (1978 से लेकर अब तक) हो चुकी हैं।

फीचर फ़िल्म ‘दत्तक’, ‘खेल खेल में’, ‘ज्यों मेहँदी को रंग’ पर इसी नाम से बना धारावाहिक अनेको बार दर्शाया गया है।

बिहार विश्वविद्यालय ने वर्ष 2015 में इन्हें डीलिट् की मानद उपाधि से सम्मानित किया।

श्रीमती सिन्हा ने विभिन्न राजनीतिक पदों पर आसीन होकर दल के अन्दर और समाज में अपनी विशेष पहचान बनाई।

देहावसान : 18 नवम्बर, 2020

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