Nayantara sahgal

Nayantara sahgal

नयनतारा सहगल

नयनतारा सहगल (जन्म 10 मई 1927, इलाहाबाद) ने वेलेस्ली कॉलेज, मसाचुसेट्स अमेरिका से : स्नातक (इतिहास) की उपाधि प्राप्त की और पत्रकारिता को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। आपरने विभिन्न विधाओं में पर्याप्त लेखन किया है। आपकी कुल 15 कृतियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें कुछ प्रमुख भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुदित भी हो चुकी हैं। आपकी कृतियों में प्रिजन एण्ड चॉकलेट केक (1954), फ्राम फीयर सेट फ्री (1962, आत्मकथात्मक), द टाइम टु वी हैप्पी (1958), स्टॉर्म इन चंडीगढ़ (1969), ए सिचुएशन इन दिल्ली (1977), रिच लाइक अस (1985), प्लान्स फॉर डिपार्चर (1986), मिस्टेकन आइडेंटिटी (1998, उपन्यास) और फ्रीडम मूवमेंट इन इंडिया (1970) प्रमुख हैं। आपने देश-विदेशों में काफी भ्रमण किया है और विभिन्न राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से संबद्ध रही हैं। आप ‘पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिंबर्टीज’ की उपाध्यक्ष ओर साहित्य अकादमी की अंग्रेजी भाषा सलाहकार समिति (1972-75) की सदस्य रही हैं। आपको सिन्‍क्‍लेयर कथा पुरस्कार (1985), साहित्य अकादेमी पुरस्कार (1986) और कॉमनवेल्थ राइटर्स पुरस्कार, यूरेशिया (1987) सहित अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। आप देहरादून में रहती हैं और सामाजिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के अलावा नियमित रूप से लेखन कार्य करती हैं।

रिच लाइक अस उपन्यास का प्रस्तुत हिंदी अनुवाद हिंदी के जाने-माने विद्वान और लेखक चन्द्रमणि मौलि (जन्म : 1929) ने किया है। आपने भारत सरकार के अधीन कई प्रशासनिक एवं तकनीकी पदों पर कार्य किया और अपर महाप्रबंधक (रेलवे) के रूप में 1987 में कार्यनिवृत्त हुए।

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