Prakash Chandra Darbari
प्रकाश चन्द्र दरबारी
प्रकाश चन्द्र दरबारी का जन्म प्रयागराज में 8 अप्रैल 1940 को हुआ था। आपके पिता स्वर्गीय डॉक्टर राजेंद्र नारायण दरबारी अपने समय के विख्यात चिकित्सक थे। आपके पिता एवं माता स्वर्गीय श्रीमती विद्यावती दरबारी दोनों ही धार्मिक एवं समाजसेवी व्यक्ति थे। बाल्यकाल से ही इन दोनों का प्रभाव श्री प्रकाश चन्द्र के जीवन पर पड़ा है। हिन्दू समाज, हिन्दू धर्म एवं हिन्दू संस्कारों के प्रति बचपन से ही आपका अनुराग रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के पश्चात आप परिवारिक दवा के व्यवसाय से जुड़ गये। बी.पी.सी.एल. एवं टी.एस.एल. के लिए फैब्रिकेटेड उपकरण बनाने का कार्य भी वर्षों तक किया।
आपकी अभिरुचि सामाजिक कार्यों के प्रति आरम्भ से रही है। लायंस क्लब इंटरनेशनल और भारत विकास परिषद के सक्रिय सदस्य कई वर्षों तक रहे। विभिन्न पद पर रहकर सेवा प्रकल्प में किये गये कार्यों के लिए कई बार सम्मानित किया गया। चिन्मय मिशन द्वारा भी वरिष्ठ नागरिक दिवस पर आपका अभिनंदन किया गया। श्री प्रकाश चन्द्र जी अनेकानेक संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। प्रयागराज में स्थित विद्यावती दरबारी बालिका इंटर कॉलेज के प्रबंधक, बाल सेवा समिति के अध्यक्ष, लूकरगंज कल्चरल सोसाइटी के सचिव डॉ. राजेंद्र नारायण दरबारी चैरिटेबल सोसायटी के सह-सचिव हैं। इसके अतिरिक्त आप शिशुशिक्षा सदन इंटर कॉलेज प्रयागराज, लूकरगंज संगीत विद्यालय प्रयागराज, सक्सेना सभा जहर सहाय इंटरकॉलेज तथा हर सहाय डिग्री कॉलेज कानपुर के ट्रस्टी सदस्य भी हैं। वर्षों के अनुभव धार्मिक पुस्तकों के अध्ययन एवं उसमें अंतर्निहित नीति कथाओं के अध्ययन से प्रेरणा ली, गंभीर विषयों को साधारण बोलचाल की भाषा में लिखने का प्रयास किया।’सुख की डगर’ उनकी अद्यतन पुस्तक है।