Pramod Kumar Agarwal

Pramod Kumar Agarwal

प्रमोद कुमार अग्रवाल

जन्म : 15 अक्टूबर, 1950, उत्तर प्रदेश के झाँसी जनपद के बरुआसागर कस्बे में।

शिक्षा : बी.एस.सी, एल.एल.बी., एल.एल.एम. डी.फिल (विधि) एम.बी.ए.।

गतिविधियाँ : विधि में प्रवक्ता, बिक्रीकर एवं आयकर अधिकारी, वर्ष 1976 भारतीय प्रशासनिक सेवा (पश्चिम बंगाल कैडर) में कार्यरत तथा संयुक्त सचिव भारत-सरकार तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद से सेवा निवृत्त होकर पूर्णरूप से साहित्य सेवा में समर्पित।

साहित्य सेवा : अंग्रेजी में प्रायः बीस पुस्तके तथा हिन्दी में 45 पुस्तके प्रकाशित।

सम्पादन तथा प्रकाशन : वैश्विक साहित्य, त्रैमासिक हिन्दी पत्रिका। उपन्यास – एक दर्जन से अधिक जिनमें प्रमुख हैं : प्रकाश, पृथ्वी की पीडा, साहिबगंज की बहु, सतलज से टेम्स तक, माफिया तथा मीरजाफर। कहानी संग्रह – यूकेलिप्टस, गाँव गाँव की कहानियाँ। निबन्ध संग्रह – निबन्ध निधि, निबन्ध महासागर, भारतीय सोच, न्यायतन्त्र और मानव अधिकार, भारत के विकास की चुनौतियां, भारत में पंचायती राज, गॉधी विचार और हम, जल प्रदूषण एवं गंगा निर्मलीकरण, भारत का संविधान। भारतीय वांङ्मय-भगवद्गीता : नाट्यरूप, रामचरितमानस् नाट्यरूप, ‘राधा की पाती कृष्ण के नाम’, ‘चित्रकूट में राम-भरत मिलाप’, मैं राम बोल रहा हूँ तथा ‘संजय-धृतराष्ट, संवाद

सम्मान – राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा पुरस्कृत कृति कारागार में कैदियों का जीवनसाहित्यकार संसद, विश्व साहित्य प्रकाशन समिति तथा हिन्दी सेवी समिति इलाहाबाद द्वारा सम्मानित बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय तथा भारतीय हिन्दी परिषद, द्वारा सम्मानित-सम्प्रति, प्रबन्ध साझीदार वैश ग्लोबल, विधि संस्था, बंगाली मार्केट, नयी दिल्ली। सन् 2017 में ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा ‘साहित्य महोपाध्याय सम्मान

सम्पर्क : 305, चौक बाजार, बरुआसागर, जिला-मांजी (उ.प्र.)

Email : pk_usha@rediffmail.com

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