Pranjal Dhar & Krishnakant
प्रांजल धर
जन्म : मई 1982 में, ज्ञानीपुर गाँव, गोण्डा (उ.प्र.) में।
शिक्षा : जनसंचार एवं पत्रकारिता में परास्नातक। भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में डिप्लोमा। कार्य : कवि, आलोचक, मीडिया विश्लेषक और अनुवादक। जल, जंगल और ज़मीन आदि के बुनियादी मुद्दों पर सृजनात्मक कार्य। कविताओं का कुछ देशी-विदेशी भाषाओं में अनुवाद। ‘नया ज्ञानोदय’, ‘नेशनल दुनिया’ और ‘द सी एक्सप्रेस’ समेत अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पिछले डेढ़ दशक से नियमित स्तम्भ लेखन। अवधी और अँग्रेजी भाषा में भी लेखन।
सम्मान : राजस्थान पत्रिका पुरस्कार (2006), अवध भारती सम्मान (2010), भारतेन्दु हरिश्चन्द्र पुरस्कार (2010), दक्षेस का विशेष लेखक सम्मान (2013), भारत भूषण अग्रवाल कविता पुरस्कार (2012), हरिकृष्ण त्रिवेदी सम्मान (2015-16)।
पुस्तकें : ‘अन्तिम विदाई से तुरन्त पहले’ (कविता संग्रह); ‘मीडिया और हमारा समय’, ‘समकालीन वैश्विक पत्रकारिता में अखबार’; ‘महत्व रामधारी सिंह दिनकर : समर शेष है’ व ‘अनभै’ पत्रिका के चर्चित पुस्तक संस्कृति विशेषांक का सम्पादन।
कृष्णकान्त
जन्म : 30 अगस्त 1986 को गोण्डा जिले में। प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा वहीं से। इलाहाबाद विश्व-विद्यालय से स्नातक और पत्रकारिता में परास्नातक। अमर उजाला, प्रभात खबर, आज समाज, दैनिक जागरण और दैनिक भास्कर में बतौर चीफ सब एडीटर कार्य करने के बाद फिलहाल पत्रकारिता की एक नौकरी में। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कविताएँ, कहानियाँ और समीक्षाएँ आदि प्रकाशित।