Prayag Shukla

Prayag Shukla

प्रयाग शुक्ल

जन्म २८ मई, १९४०, कोलकाता। कवि, कथाकार, कला समीक्षक, निबन्धकार, अनुवादक और सांस्कृतिक विषयों के टिप्पणीकार। ‘कल्पना’, ‘दिनमान’, ‘नवभारत टाइम्स’ के सम्पादक मण्डल में रहे। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की पत्रिका ‘रंगप्रसंग’ और संगीत नाटक अकादेमी की पत्रिका ‘संगना’ के प्रथम सम्पादक। ललितकला की पत्रिका ‘समकालीन कला’ के प्रथम दो अंकों का भी सम्पादन। ‘यह जो हरा है’ समेत दस कविता-संग्रह, पाँच कहानी-संग्रह, छह यात्रा वृत्तान्त, और ‘गठरी’ समेत तीन उपन्यास प्रकाशित हैं। कला, रंगमंच, और फ़िल्म माध्यमों पर बहुतेरा लेखन। कई प्रदर्शनियाँ क्यूरेट की है जिनमें ड्रॉइंग ९४, ड्रॉइंग २०१४, रामकुमार के रेखांकनों की प्रदर्शनियाँ शामिल हैं।

रवीन्द्रनाथ ठाकुर की ‘गीतांजलि’, और उनके ‘गीत वितान’ से लगभग दो सौ गीतों का अनुवाद। बाङ्ला से ही बंकिमचन्द्र के निबन्धों के अनुवाद पर साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार। जीवनानन्द दास की कविताओं के अनुवाद भी प्रकाशित हैं। द्विजदेव सम्मान, शरद जोशी सम्मान, श्रीनरेश मेहता वाङ्मय स्मृति सम्मान, आदि पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

दिल्ली और भोपाल में रहकर स्वतन्त्र लेखन।

You've just added this product to the cart: