Prem Janmejai
प्रेम जनमेजय
जन्म – 18 मार्च 1949, इलाहाबाद।
शिक्षा – एम.ए., एम. लिट्, पी-एच.डी.।
प्रकाशित कृतियां :
व्यंग्य संकलन : राजधानी में गंवार, बेर्शममेव जयते, पुलिस ! पुलिस !, मैं नहीं माखन खायो आत्मा महाठगिनी, मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएं, शर्म मुझको मगर क्यों आती ! डूबते सूरज का इश्क, कौन कुटिल खल कामी, मेरी इक्यावन श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएं, ज्यों ज्यों बूड़े श्याम रंग, संकलित व्यंग्य, कोई मैं झूठ बोलया, लीला चालू आहे ! भ्रष्टाचार के सैनिक।
नाटक : ‘प्रेम जनमेजय के दो व्यंग्य नाटक’
संस्मरणात्मक कृति : मेरे हिस्से के नरेंद्र कोहली
संपादन : पिछले 12 वर्ष से प्रसिद्ध व्यंग्य पत्रिका ‘व्यंग्य यात्रा’ के संपादक एवं प्रकाशक। बींसवीं शताब्दी उत्कृष्ट साहित्य : व्यंग्य रचनाएं, नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित ‘हिंदी हास्य व्यंग्य संकलन’ श्रीलाल शुक्ल के सहयोगी संपादक, हिंदी व्यंग्य का समकालीन परिदृश्य, मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचना, श्रीलाल शुक्ल : विचार विश्लेषण एवं जीवन, ‘व्यंग्य सर्जक : नरेंद्र कोहली, ‘उत्कृष्ट व्यंग्य रचनाएं’, दिविक रमेश : ‘आलोचना की दहलीज पर’, हंसते हुए रोना’, हिंदी व्यंग्य का नावक : शरद जोशी, ‘खुली धूप में नाव पर-रवीन्धनाथ त्यागी’, हिंदी व्यंग्य की धार्मिक पुस्तक : हरिशंकर परसाई।
सम्मान/पुरस्कार : शरद जोशी राष्ट्रीय सम्मान (मध्य प्रदेश सरकार), पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी सम्मान (उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान), हरिशंकर परसाई स्मृति पुरस्कार, दुष्यंत कुमार अलंकरण, हिंदी अकादमी साहित्यकार सम्मान (दिल्ली सरकार), पं. बृजलाल द्विवेदी साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान, शिवकुमार शास्त्री व्यंग्य सम्मान, ‘व्यंग्यश्री सम्मान’, कमला गोइन्का व्यंग्य भूषण सम्मान, आचार्य निरंजननाथ सम्मान, भारत भास्कर शिखर सम्मान, ‘नई धारा’ रचना सम्मान, हिन्दी निधि तथा भारतीय विद्या संस्थान, त्रिनिडाड एवं टुबैगो आदि।