Prem Shankar
प्रेमशंकर
जन्म : सन 1930 ई. में नैमिश क्षेत्र के एक निम्न-मध्यवर्गीय ग्रामीण परिवार में। आरम्भिक शिक्षा डॉ. जयदेव सिंह की कृपा से। आचार्य नंददुलारे वाजपेयी के निर्देशन में ‘प्रसाद का काव्य’ विषय पर शोधकार्य।
लखनऊ क्रिश्चियन कॉलेज और सागर विश्वविद्यालय में अध्यापन। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनात्मक हिस्सेदारी। योरोप के कुछ विश्वविद्यालयों में व्याख्यान। इटली में विज़िटिंग प्रोफेसर के रूप में अध्यापन।
प्रकाशित पुस्तकें : प्रसाद का काव्य, कामायनी का रचना-संसार, हिंदी स्वच्छंदतावादी काव्य, भक्तिचिंतन की भूमिका, भक्तिकाव्य की भूमिका, कृष्णकाव्य और सूर, रामकाव्य और तुलसी, भक्तिकाव्य की सांस्कृतिक चेतना, भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र, सृजन और समीक्षा, आ. नंददुलारे वाजपेयी, नयी कविता की भूमिका, सियारामशरण गुप्त (आलोचना); पहाड़ी पर बच्चा (कविता)।