Purushottam Nagesh Oak
पुरुषोत्तम नागेश ओक
जन्म – 2 मार्च 1917
मृत्यु – 4 दिसम्बर 200
शिक्षा : बम्बई विश्वविद्यालय से एम.ए.एल.एल बी.।
जीवन कार्य : एक वर्ष तक अध्यापन कर सेना में भर्ती।
द्वितीय विश्व युद्ध में सिंगापुर में नियुक्त। अंग्रेजी सेना द्वारा समर्पण के उपरान्त आजाद हिन्द फौज के स्थापन में भाग लिया, सैगौन में आजाद हिन्द रेडियो में निदेशक के रूप में कार्य किया।
विश्व युद्ध की समाप्ति पर कई देशों के जंगलों में घूमते हुए कलकत्ता पहुँचे। 1947 से 1974 तक पत्रिकारिता के क्षेत्र में (हिन्दुस्तान टाईम्स तथा स्टेट्समैन में) कार्य किया तथा भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय में अधिकारी रहे। फिर अमरीकी दूतावास की सूचना सेवा विभाग में कार्य किया।
देश-विदेश में भ्रमण करते हुए तथा ऐतिहासिक स्थलों का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कई खोजें कीं। उन खोजों का परिणाम उनकी रचनाओं के रूप में हमें मिलता है। उनकी कुछ रचनाएँ हैं…. ताजमहल मन्दिर भवन है, भारतीय इतिहास की भयंकर भूलें, विश्व इतिहास के विलुप्त अध्याय, वैदिक विश्व राष्ट्र का इतिहास, कौन कहता है अकबर महान था ?
उनकी मान्यता है कि पाश्चात्य इतिहासकारों ने इतिहास को भ्रष्ट करने का जो कुप्रयास किया है, वह वैदिक धर्म को नष्ट करने के लिए जानबूझकर किया है और दुर्भाग्य वश हमारे स्वार्थी इतिहासकार इसमें उनका सहयोग कर रहे हैं।