Rahul Singh
राहुल सिंह
13 जनवरी 1981 को राँची के नजदीक हटिया नामक कस्बे में जन्म। शुरुआती शिक्षा वहीं से। सन्त ज़ेवियर कॉलेज, राँची से स्नातक। राँची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग से एम.ए.। तत्पश्चात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से एम.फिल. और पी-एच.डी.। मार्च 2008 से देवघर (झारखंड) के ए.एस. कॉलेज में अध्यापनरत। एक दशक से हिन्दी आलोचना में सक्रिय। अब तक ‘पहल’, ‘तद्भव’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘बहुवचन’, ‘प्रगतिशील वसुधा’, ‘रचना समय’, ‘पाखी’, ‘साखी’, ‘समीक्षा’, ‘परिकथा’, ‘उद्भावना’, ‘संवेद’, ‘लमही’, ‘शब्दयोग’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘समकालीन सरोकार’ आदि पत्रिकाओं में सत्तर से ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं।
हाल के वर्षों में विश्व सिनेमा और हिन्दी सिनेमा पर भी बहुत अलग किस्म का ध्यान खींचनेवाला काम किया है। आधुनिकता की अवधारणा, समकालीन हिन्दी कहानी, विश्व सिनेमा व हिन्दी सिनेमा तथा कलाओं के अर्न्तसम्बन्ध, पर कुछ किताबें प्रकाशन के लिए तैयार कुछ प्रक्रिया में।
प्रकाशित कृति : विचार और आलोचना।