Rajendra Yadav
राजेन्द्र यादव
जन्म : 28 अगस्त, 1929
शिक्षा : एम० ए० (आगरा)
निवास : आगरा, मथुरा, झाँसी, कलकत्ता होते हुए अब दिल्ली।
प्रथम रचना : प्रतिहिंसा (‘चाँद’ के भूतपूर्व संपादक श्री रामरखासिंह सहगल के मासिक ‘कर्मयोगी’ में) 1947। अन्य प्रकाशित रचनाएँ उपन्यास : सारा आकाश, खड़े हुए लोग, शह और मात, एक इंच मुस्कान (मन्नू भंडारी के साथ), कुलटा, अनदेखे अनजान पुल, मंत्र-विद्ध।
कहानी-संग्रह : देवताओं की मूर्तियाँ, खेल-खिलौने, जहाँ लक्ष्मी कैद है, छोटे-छोटे ताजमहल, किनारे से किनारे तक, टूटना, ढोल और अपने पार, वहाँ तक पहुँचने की दौड़, श्रेष्ठ कहानियां, प्रिय कहानियां, प्रतिनिधि कहानियां, प्रेम कहानियां, दस प्रतिनिधि कहानियां और चौखटे तोड़ते त्रिकोण।
कविता-संग्रह : उपज तेरी है। समीक्षा-निबंध : कहानी : स्वरूप और संवेदना; उपन्यास : स्वरूप और संवेदना; कहानी : अनुभव और अभिव्यक्ति, काँटे की बात (चार खंड)।
संपादन : नये साहित्यकार पुस्तकमाला में मोहन राकेश, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ तथा मन्नू भंडारी की चुनी हुई कहानियां। एक दुनिया : समानांतर, कथा-यात्रा, आत्मतर्पण। अनुवाद उपन्यास : हमारे युग का एक नायक : लमेंन्तोव; प्रथम प्रेम, वसंत प्लावन : तुर्गनेव; टक्कर : ऐन्तोन चेखव, संत सर्गीयस : टाल्सस्टाय (प्रकाशय); एक मछुआ : एक मोती : स्टाइन बैक; अजनबी : अलबेयर कामू; काली सुर्खियाँ (सभी अनुवाद ‘कथा-शिखर’ दो खंडों में) । साक्षात्कार : मेरे साक्षात्कार : राजेन्द्र यादव। नाटक : हंसनी, चेरी का बगीचा, तीन बहनें : चेखव – अब तक की लिखी सारी कहानियों ‘यहाँ तक’ पड़ाव-1, पड़ाव -2 नाम से दो खंडों में संकलित।
‘हंस’ साहित्यिक मासिक का अगस्त 1986 से सितम्बर, 2013 तक सम्पादन।
स्मृति-शेष : 28 अक्टूबर, 2013