Rakhshanda Jalil
रख़्शंदा जलील
आलोचक और साहित्यिक इतिहासकार हैं। इनके अनेक लघुकथाओं के संकलन, बौद्धिक आलेख व पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। इन्होंने ‘प्रोग्रेसिव राइटर्स मूवमेंट एज़ रिफ्लेक्टेड इन उर्दू’ पर पी-एच.डी. की है जिसे ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने प्रकाशित किया है। स्त्रीवादी लेखिका डॉ. रशीद जहाँ की आत्मकथा, प्रेमचन्द, फणीश्वरनाथ ‘रेणु’, शहरयार, कृष्ण चन्दर और इन्तज़ार हुसैन की लघुकथाओं, शायरी और उपन्यासों का अनुवाद किया है। इनका निबन्ध संग्रह ‘इनविजुअल सिटी’ जोकि दिल्ली के प्रसिद्ध स्मारकों पर आधारित है, पाठकों द्वारा पसन्द किया गया है। आप ‘हिन्दुस्तानी आवाज़’ संस्था चला रही हैं, जो हिन्दी-उर्दू साहित्य एवं संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिए समर्पित है।