Ramgopal Sharma 'Rudra'
रामगोपाल शर्मा ‘रुद्र’
उत्तर- छायावाद काल के विशिष्ट कवि रामगोपाल शर्मा ‘रुद्र’ का जन्म 1 नवम्बर, 1912 को दानापुर, पटना, बिहार में हुआ था। उन्होंने देवघर विद्यापीठ से हिन्दी साहित्यालंकार की उपाधि प्राप्त की। पेशेवर जीवन की शुरुआत अध्यापन से की। बाद में बिहार सरकार के राजभाषा विभाग में अनुवादक के रूप में कार्य किया।
वे 1925 से काव्य-रचना करने लगे थे। उनकी प्रमुख काव्य-कृतियाँ हैं—शिंजिनी (1946), द्रोण (1950), मूर्च्छना (1954), हिमशिखर (1954), भागीरथी (1960), मीड़ (1963) और शब्दवेध (1991)। आधा दर्जन बालोपयोगी पुस्तकें भी प्रकाशित हैं।
बिहार सरकार के राजभाषा विभाग ने उन्हें ‘दिनकर पुरस्कार’ (1991) से सम्मानित किया था।
19 अगस्त, 1991 को उनका निधन हो गया।