Ravindra Verma

Ravindra Verma

रवीन्द्र वर्मा

1 दिसम्बर 1936 को झांसी (उत्तर प्रदेश) में जन्म। प्रारम्भिक शिक्षा झांसी में। प्रयाग विश्वविद्यालय से एम.ए. (इतिहास) 1959 में। सन्‌ 1965 से कहानियों का प्रकाशनारम्भ। इसी दशक में करीब दो दर्जन कहानियाँ और एक उपन्यास ‘चट्टान पर’ धारावाहिक प्रकाशित। फिर तीन उपन्यास : ‘किस्सा तोता सिर्फ़ तोता’ (1977); ‘गाथा शेखचिल्ली’ (1981); ‘माँ और अश्वत्थामा’ (1984)।

अपनी विशिष्ट छोटी कहानियों के रूप में एक नई कथा-विधा के प्रणेता माने जाते हैं। इन्हीं कहानियों का एक संग्रह ‘कोई अकेला नहीं है’ 1994 में प्रकाशित। एक और प्रकाश्य।

पिछले दशक से ही कथा-आलोचना के क्षेत्र में भी सार्थक हस्तक्षेप। एक आलोचना-पुस्तक प्रकाश्य।

सन्‌ 1995 में उपन्यास ‘जवाहरनगर’ प्रकाशित हुआ। फिर 1998 में ‘निन्‍यानवे’, जो अभी चर्चा के केन्द्र में है।

अवकाश-प्राप्ति के बाद तीन वर्ष दिल्ली में रहे। इन दिनों मुम्बई में।

सम्पर्क : 1604-3 सी; व्हिस्परिंग पाम्स; लोखण्डवाला काम्प्लेक्स; मुम्बई-400101

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