Satish Chandra Chaturvedi
श्री सतीश चंद्र चतुर्वेदी (1934-2020) एक साहित्यिक परिवार में 29 दिसंबर 1934 को जन्मे। उनके पिता पंडित ऋषिकंश चतुर्वेदी स्वयं संपूर्ण ब्रज क्षेत्र की साहित्यिक और सामाजिक गतिविधियों के केंद्र थे ! उसी परिवेश में पले-बड़े सतीश चंद्र का रुझान भी साहित्य की ओर हो गया और आगे बढ़ते हुए उन्होंने कविता, निबंध, कहानियाँ आदि की रचना की। उनके जीवन पर शिक्षाविद् डॉ. रामविलास शर्मा, रांगेय राघव और पं. राहुल सांकृत्यायन का असर पड़ा। उनकी पहली रचना हिंदी साहित्य की हास्य ‘प्राची’ साप्ताहिक में 6 मई 1954 को प्रकाशित हुई। उनके द्वारा 1952 में नवीन लेखक संघ स्थापना की गई। उन्होंने वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरित मानस के लेखन पर अनेक शोध पत्र भी लिखे जिन्हें सराहा गया। सतीश चंद्र चतुर्वेदी ने अपनी जीवन यात्रा में कई महत्वपूर्ण शोधयुक्त रचनाएं गढ़ी और आगरानामा तक आते-आते 16 जून 2020 को उनकी इस जीवन यात्रा का समापन हुआ।