Sharad Pagare
आपका जन्म खंडवा, मध्य प्रदेश में हुआ। आपने इतिहास में एम.ए.,पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उच्च शिक्षा विभाग, मध्य प्रदेश शासन, भोपाल में इतिहास के प्रोफ़ेसर, वहीं से सेवानिवृत्त। सन् 1987-88 में शिल्पकर्ण, विश्वविद्यालय, बैंकाक, थाईलैंड में विजिटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में अध्यापन।
आपकी प्रकाशित कृतियाँ हैं – गुलारा बेगम, बेगम जैनाबादी, गंधर्वसेन, पाटलीपुत्र की सम्राग्री, उजाले की तलाश, वैशाली की जनपद कल्याणी आम्रपाली, When faith turned red (उपन्यास) ; जिंदगी एक सलीब-सी, नारी के रूप, दूसरा देवदास, चंद्रमुखी का देवदास, सांध्य तारा, भारत की श्रेष्ठ ऐतिहासिक प्रेम कथाएँ, श्रेष्ठ कहानियाँ आदि (कहानी)।
मराठी, गुजराती, उर्दू, मलयालम आदि भाषाओं में आपकी कई कृतियों का अनुवाद हो चुका है। आपके उपन्यास ‘बेगम जैनाबादी’ का क्षितिज थियेटर ग्रुप, नई दिल्ली द्वारा नाट्य-रूपांतर एवं मंचन। आप ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन सम्मान’, ‘विश्वनाथ सिंह सम्मान’, ‘वागीश्वरी पुरस्कार’, ‘साहित्य वाचस्पति सम्मान’, ‘साहित्य शिरोमणि सारस्वत सम्मान’ आदि से सम्मानित किए जा चुके हैं।