Shila Jhunjhunwala
शीला झुनझुनवाला
वरिष्ठ साहित्यकार, सम्पादक एवं शोधकर्ता पद्मश्री शीला झुनझुनवाला का जन्म 6 जनवरी, 1927 को कानपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ। स्कूली शिक्षा एस.एस. सेन बालिका विद्यालय में हुई। क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर से बी.ए., डी.ए.वी. कॉलेज से एम.ए. (अर्थशास्त्र) एवं एल.टी. की उपाधि ली। हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से “साहित्य रत्न” एवं प्रयाग महिला विद्यापीठ से “विदुषी ऑनर्स”। कानपुर के ही म्युनिसिपल गर्ल्स कॉलेज में एक वर्ष अर्थशास्त्र का अध्यापन।
शीला झुनझुनवाला टाइम्स ऑफ इंडिया प्रकाशन समूह के प्रतिष्ठित साप्ताहिक ‘धर्मयुग’ में काम करने के उपरान्त वे दिल्ली से प्रकाशित महिला पत्रिका ‘अंगजा’ की सम्पादक रहीं। तदुपरान्त हिन्दुस्तान टाइम्स समूह की पत्रिका ‘कादम्बिनी’ में संयुक्त सम्पादक, दैनिक पत्र ‘हिन्दुस्तान’ की संयुक्त सम्पादक और अन्ततः हिन्दुस्तान टाइम्स समूह की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘साप्ताहिक हिन्दुस्तान’ की मुख्य सम्पादक बनीं। “मनी मैटर्स” पत्रिका की कार्यकारी सम्पादक भी रहीं। दृश्य जगत में अनेक नाटकों एवं फ़िल्मों के लिए पटकथा लेखन।
उनके लिखे उपन्यास, कहानी, यात्रावृत्त और बाल साहित्य का एक बड़ा पाठक वर्ग है-प्रमुख कृतियाँ : कोने वाला कमरा, अर्थ चक्र; इन्दिरा जी की कहानी; अस्त्र-शस्त्र की कहानी; सिने सितारों के अनछुए प्रसंग, कुछ कही, कुछ अनकही; सास्कृतिक विरासत के धनी : भारत और जापान; चेरी फूले मधुमास आदि।
उन्हें केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ से पत्रकारिता भूषण सम्मान, हिन्दी अकादमी, दिल्ली से बाल साहित्य कृति सम्मान, हिन्दी अकादमी से ही साहित्यकार सम्मान एवं शिखर सम्मान, मातृश्री पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन से पण्डित अम्बिका प्रसाद बाजपेयी सम्मान, अखिल भारतीय युवा अग्रवाल से लोहिया पुरस्कार, हिन्दी कश्मीरी संगम से लल्लेश्वरी शारदा सम्मान आदि कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। 1991 में भारत सरकार द्वारा वे ‘पद्मश्री’ अलंकरण से भी विभूषित हो चुकी हैं।
सम्प्रति : टी.पी. झुनझुनवाला फाउंडेशन, प्रियदर्शिनी, सूर्या संस्थान, लेखिका संघ, पी.एच.डी. फैमिली वेलफेयर फ़ाउंडेशन आदि अनेक सामाजिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्थाओं से सम्बद्ध।
सम्पर्क सूत्र : आर-18, साउथ एक्सटेंशन पार्ट-2, नयी दिल्ली-110049