Shree Jagannathdas 'Ratnakar

Shree Jagannathdas 'Ratnakar

श्री जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’

1866 ई. में काशी के वैश्य घराने में जन्म। शिक्षा का आरम्भ उर्दू-फारसी से हुआ। फिर छठे वर्ष में हिन्दी की पढ़ाई शुरू की। क्वीन्स कॉलेज बनारस से 1891 ई. में बी.ए. पास करने के बाद एल.एल.बी. और एम.ए. फ़ारसी का अध्ययन प्रारम्भ किया।

1900 ई. में अवागढ़ के ख़ज़ाने के निरीक्षक। 1902 ई. में अयोध्या नरेश प्रताप नारायण सिंह के प्राइवेट सेक्रेटरी और 1906 ई. में महाराज की मृत्यु के पश्चात् महारानी के प्राइवेट सेक्रेटरी नियुक्त हुए।

‘साहित्य सुधानिधि’ तथा ‘सरस्वती’ आदि पत्रिकाओं के सम्पादन और रसिक – मण्डल प्रयाग, काशी नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना एवं विकास में सक्रिय योगदान। 1922 ई. में कलकत्ते के बीसवें अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन, 1925 ई. में कानपुर के अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और 1926 ई. में चौथे ओरियंटल कॉन्फ्रेंस के हिन्दी विभाग का सभापतित्व किया।

21 जून, 1932 ई. हरिद्वार में निधन।

You've just added this product to the cart: