Shyam Manohar Pandey
प्रो. श्याम मनोहर पाण्डेय
जन्म :सन् 1936 ई. गोठहुली, बलिया ( उ.प्र.)।
शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा बलिया में हुई।
बी.ए.,एम.ए., डी.फिल., इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद।
गतिविधियाँ : प्रोफेसर, हिन्दी भाषा और साहित्य, ओरियंटल विश्वविद्यालय, नेपुल्स, इटली। सन् 1962 से 1965 तक शिकागो विश्वविद्यालय में प्राध्यापक। सन् 1962 से 1965 तक शिकागो विश्वविद्यालय में प्राध्यापक। सन् 1965 से 1967 तक अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डियन स्टडीज़ (फिलाडेल्फया) के सीनियर फेलो। सन् 1968 से 1975 तक लंदन विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ ओरियंटल एण्ड अफ्रीकन स्टडीज़’ में मध्ययुगीन साहित्य के प्राध्यापक। 1976 में शिमला के ‘इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडीज़’ के विज़िटिंग फेलो। पूना विश्वविद्यालय, पूना, पेविंग विश्वविद्यालय, चीन तथा विसकांसिन युनिवर्सिटी, मैडिसन, अमेरिका में भी विज़िटिंग, मैडिसन, अमेरिका में भी विज़िटिंग प्रोफेसर की हैसियत से काम किया है।
सम्मान : लंदन में आयोजित 1999 ई. में विश्व हिन्दी सम्मेलन द्वारा सम्मानित, सन् 2000 में कानपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट. की मानद उपाधि, साहित्य अकादमी, दिल्ली से ‘भाषा सम्मान’ तथा उ.प्र. हिन्दी संस्थान, लखनऊ से साहित्य भूषण’ सम्मान से विभूषित। साहित्य-सेवा : मध्य-युगीन प्रेमाख्यान, सूफी काव्य विमर्श, सूफ़ी मंसूर हल्लाज की बानी, हिन्दी और फ़ारसी सूफ़ी काव्य, लोक महाकाव्य लोरिकी, लोक महाकाव्य चनैनी, लोक महाकाव्य लोरिकायन, भोजपुरी लोरिकी, भोजपुरी लोरिकी भाग-2, चंदायन (रचयिता मौलाना दाऊद), सूफ़ी काव्य अनुशीलन। हिन्दी की मान्य शोध पत्रिकाओं के अतिरिक्त ‘द जर्नल ऑफ़ दि अमेरिकन ओरियंटल सोसाइटी’ (अमेरिका), हिस्ट्री ऑफ़ रेलिजन्स’ (शिकागो), ‘बुलेटिन ऑफ़ दि ओरियंटल एण्ड अफ्रीकन स्टडीज़’ (लंदन), ‘साउथ एशियन रिव्यू’ ( लंदन), ‘ओरियंटालिया लावानिसिया पिरियाडिका’ (बेल्जियम), ‘अन्नाली नेपुल्स’ (इटली) तथा अन्य अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में शोध निबन्ध और समीक्षाएँ प्रकाशित।