Shyam Sundar Das

Shyam Sundar Das

श्यानसुन्दर दास

जन्म : सन् 1875 ई., काशी में।

शिक्षा : 1897 ई. में बी.ए.।

इन्होंने सन् 1899 ई. में हिन्दू स्कूल में कुछ दिनों तक अध्यापन किया। उसके बाद लखनऊ के कालीचरण स्कूल में लंबे समय तक प्रधानाध्यापक रहे। सन् 1921 ई. में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त हुए। नागरी प्रचारिणी सभा की स्थापना (16 जुलाई, 1893 ई.) इन्होंने विद्यार्थी जीवन में ही अपने सहयोगियों रामनारायण मिश्र और ठाकुर शिवकुमार सिंह की सहायता से की थी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आने के पहले इन्होंने हिन्दी साहित्य के विकास के लिए न्यायालयों में ‘हिन्दी-प्रवेश का आन्दोलन’ (1900 ई.); ‘हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज’ (1899 ई); ‘हिन्दी शब्द सागर’ का सम्पादन (1907 ई.) आर्य भाषा पुस्तकालय की स्थापना (1903 ई.), ‘सरस्वती’ पत्रिका का सम्पादन (1900 ई.) किया। ये आजीवन साहित्य-सेवा में लगे रहे। प्रमुख रचनाएं : ‘नागरी वर्णमाला’; ‘हिन्दी हस्तलिखित ग्रन्थों का वार्षिक खोज विवरण’; ‘हिन्दी हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज का प्रथम त्रैवार्षिक विवरण’; ‘हिन्दी कोविद रत्नमाला’ भाग 1, 2; ‘साहित्यालोचन’, ‘भाषा विज्ञान’; ‘हिन्दी भाषा का विकास’; ‘हस्तलिखित हिन्दी ग्रन्थों का संक्षिप्त विवरण’, ‘गद्य कुसुमावली’; ‘भारतेन्दु हरिश्चन्द्र’; ‘हिन्दी भाषा और साहित्य’; ‘गोस्वामी तुलसीदास’; ‘रूपक रहस्य’; ‘भाषा रहस्य’ भाग-1; ‘हिन्दी गद्य के निर्माता’ भाग 1, 2; ‘मेरी आत्म कहानी’ आदि।

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