Sufi Tabassum
सूफ़ी तबस्सुम
लाहौर (पाकिस्तान) के मशहूर शायर सूफ़ी तबस्सुम का जन्म 4 अगस्त, 1899 को अमृतसर में हुआ था। उनकी आरम्भिक शिक्षा अमृतसर में और उच्च स्तरीय शिक्षा लाहौर में हुई। आप वर्ष 1954 में गवर्नमेण्ट कॉलेज, लाहौर से फारसी और उर्दू विभाग के अध्यक्ष रहते हुए सेवानिवृत्त हुए। आप ‘लयलो निहार’ जर्नल के सम्पादक भी रहे। सूफ़ी साहब ने शायर इकबाल पर बहुत काम किया। इस्लामाबाद में इकबाल पर आयोजित एक कार्यक्रम से लौटते हुए लाहौर रेलवे स्टेशन पर 7 फरवरी, 1978 को आपकी मृत्यु हुई।
सूफी तबस्सुम की नज़्मों की ख्याति बड़ों और बच्चों में समान रूप से थी। उनकी लिखी बच्चों की नज़्मों की किताबें ‘झूलने’, ‘सुनो गपशप’, ‘टोल मटोल और फिरोज़ एण्ड सन्स’, लाहौर से प्रकाशित ‘टूट बटूट की नज़्में’ विशेष रूप से प्रसिद्ध रही हैं। ये नज़्में इतनी ज़्यादा पसन्द की गयीं कि बच्चे इन्हें स्कूल के अलावा घरों और मुहल्लों में भी गाते फिरते थे।
सूफ़ी तबस्सुम को वर्ष 1963 में ‘तमगाए हुस्नेकार कर्दगी’ और 1967 में ‘सितारा ए इम्तियाज़’ से पाकिस्तान सरकार ने सम्मानित किया। ईरान सरकार ने सूफ़ी साहब को ‘तमगाए निशाने फज़ीलत’ से सम्मानित किया।