Tarsem Gujaral
तरसेम गुजराल
जन्म : 1950।
माता-पिता : श्रीमती राजरानी गुजराल एवं श्री सिरी राम गुजराल।
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी) गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, पी.एच.डी, मेरठ विश्वविद्यालय से
कृतियाँ : जलता हुआ गुलाब, मटमैला आकाश, उलटे अक्षर (उपन्यास), कोई एक दिन, सुबह के साथ, सीढ़ियां और शिखर, घोड़े की नाल, दूसरा पक्ष और अन्य कहानियाँ, तीन दुनियाओं की इक्कीस कहानियाँ, चुनी हुई कहानियाँ (कहानी-संग्रह), राख और चीलें, फूल खिलने की आवाज नहीं होती, इतना सब होने के बावजूद (कविता-संग्रह), डंके की चोट पर शराफत (व्यंग्य), जमीन की तलाश में (आलोचना), एक समुद्र पार (अनूदित-पाकिस्तानी उपन्यास)।
संपादित पुस्तकें : खुला आकाश, आज़ाद गुलाम, ठहरो जरा, पंजाबी कहानी रचना और परिवेश, पंजाब की हिन्दी कहानी, इस तलाश में (कहानी संग्रह), काल को चुनौती देती कविताएं, सुर्खियों में है कोई बात (कविता संग्रह), समय और सांस्कृतिक रुपांतरण, यथार्थ की पकड़ (निबंध)
संपादित पत्रिकाएं : फिर, निर्झर (हिन्दी), नतीजा (पंजाबी)) आजकल ‘वक्त बदलेगा’ का संपादन संचालन
सम्मान : नवरंग, भाषा विभाग पंजाब से सम्मानित, प्रेमचन्द्र महेश सम्मान, पंजाब साहित्य अकादमी से सम्मानित, सुदर्शन सम्मान, ज्ञानी संत सिंह पुरस्कार, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय पुरस्कार, महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित, पंजाब कला साहित्य अकादमी से सम्मानित, शांति देवी स्मृति कथा सम्मान, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ, से सौहार्द सम्मान, भाषा विभाग, पंजाब का शिरोमणि सम्मान।
अनुवाद कार्य : श्रेष्ठ पंजाबी कहानियाँ, बंद कमरे, कैमलूपस की मछलियां, हाल मुरीदां दा, दो बैलां दी कथा, सवा सेर गेहूँ, पुरातन भारतीय समाज एवं दर्शन, वापसी का सफर, दस्तावेज, प्रकृति मनुष्य और राज्य।
स्तंभ लेखन : अजीत समाचार, अमर उजाला, भास्कर, दैनिक ट्रिब्यून।
प्रसारण : तीस वर्षों से आकाशवाणी और फिर दूरदर्शन से विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक विषयों पर सजग भागीदारी।