Tarsem Gujral
तरसेम गुजराल
जन्म : 1950
शिक्षा : एम.ए. (हिन्दी), गुरुनानक देव विश्वविद्यालय, पी.एच.डी. : ‘विविध कथा आंदोलनों के संदर्भ में प्रेमचंदोत्तर कहानी का वस्तुपरक मूल्यांकन’ पर मेरठ विश्वविद्यालय से।
कृतियां :
- 1. जलता हुआ गुलाब (उपन्यास) 1989
- कोई एक दिन (कहानी संग्रह) 1991
- राख और चीलें (कविता संग्रह) 1993
- फूल खिलने की आवाज नहीं होती (कविता संग्रह) 1993
- सुबह के साथ (कहानी संग्रह) 1996
- इतना सब होने के बावजूद (कविता संग्रह) 1996
- सीढ़ियां और शिखर (कहानी संग्रह) 1996
- मटमैला आकाश (उपन्यास) 1996
- घोड़े की नाल (कहानी संग्रह) 2001
- 1 डंके की चोट पर शराफत (व्यंग्य) 2007
- दूसरा पक्ष और अन्य कहानियां, 2008
- 1 उलटे आखर (उपन्यास) 2008।
विशेष : 15 से अधिक संपादित पुस्तकें तथा 75 से अधिक अनुवाद कृतियां और 20 पुस्तकों में रचनाएं संकलित।
संपादित पत्रिकाएं : फिर, निर्झर (हिन्दी) नतीजा (पंजाबी) आजकल ‘वक्त बदलेगा’ का संपादन व संचालन।
सम्मान : ‘जलता हुआ गुलाब’ उपन्यास पर 1989 में प्रेमचंद महेश सम्मान, इसी उपन्यास के लिए 1990 में पंजाब साहित्य अकादमी से सम्मानित, ‘कोई एक दिन’ पर 1991 में भाषा विभाग पंजाब का सुदर्शन सम्मान, ‘फूल खिलने की आवाज नहीं होती’, काव्य संग्रह पर भाषा विभाग पंजाब का ज्ञानी संत सिंह पुरस्कार, 1994 में, ‘राख और चालें’ काव्य संग्रह पर केंद्रीय हिन्दी निदेशालय का वर्ष 1993-94 का पुरस्कार, महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 1995 में सम्मानित, गुरूनानक विश्वविद्यालय से 1995 में सम्मानित किया। कथा लेखन के लिए 2002 में पंजाब कला साहित्य अकादमी से सम्मानित, कहानी लेखन के लिए विभिन्न संस्थाओं से कई बार सम्मानित, शांति देवी स्मृति कथा सम्मान, दिशा साहित्य मंच 2005 लोक साहित्य मंच, लुधियाना से 2011 में सम्मानित।
स्तंभ लेखन : अजीत समाचार/अमर उजाला/भास्कर, दैनिक ट्रिब्युन।
आयोजन तथा प्रसारण : पिछले 30 वर्षों से विचारधारा मंच द्वारा साहित्यिक सांस्कृतिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण गोष्ठियां एवं 32 वर्षो आकाशवाणी और फिर दूरदर्शन से विभिन्न साहित्यिक सांस्कृतिक विषयों पर सजग भागीदारी।