Triveni Prasad Tripathi
पं. त्रिवेणी प्रसाद त्रिपाठी
जन्म – 1 सितम्बर 1947 को मध्य प्रदेश में रीवा जिला, तहसील हनुमाना के बसिगड़ा ग्राम में हुआ।
शिक्षा – एम. ए. साहित्य रत्न।
आप संप्रति 1964 से 2004 तक उड़ीसा सशस्त्र पुलिस में सेवारत रहे। अवकाश के बाद कटक के एक स्वीकृति प्राप्त महाविद्यालय में वर्ष 2004 से 2014 तक वरिष्ठ अध्यापक के रूप में कार्यरत रहे।
साहित्यिक यात्रा : वाल्यकाल से ही आपकी रूचि काव्य लेखन की ओर थी। जीवन कटे अनेक उतार-चढ़ाव और पुलिस विभाग की कठिन जीवन यात्रा में भी आपकी साहित्यिक कल्पना जीवित रही। आपके जीवन पर आपकी नानी स्वर्गीया धोस्विया देवी के धार्मिक गुणों का गंभीर प्रभाव पड़ा।
आप महाभारत काव्य के चरित्रों, विशेषकर सूर्यपुत्र कर्ण के सिद्धांतों से काफी प्रभावित हैं। ऐतिहासिक विषयों पर भी आपकी कल्पनाशीलता का विशेष प्रभाव दिखाई देता है।
प्रकाशित रचनाएं : काव्य: कौन्तेय, ताजमहल, अंतिम रात्रि, वसंत व्यथा, पुथु, तुलसी दल ( सभी खंड काव्य) अभिशप्त हस्तिना ( महाकाव्य), प्रेमात्रयी ( लघु काव्य संग्रह) और कोणार्क (नाटक )।
उपन्यास : समस्थापूर्ति, क्षुधित पाषाण, श्मशान की राख और रंजीता।
कहानियाँ : आख्यायिका (लघु कथायें)।
काव्यानुवाद : गीतांजलि।
सम्मान : कौंतेय खंडकाव्य के लिए उड़ीसा की साहित्यिक संस्था स्वागतिका से और ताजमहल खंडकाव्य कटे लिए राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद से भारती भूषण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।