U A Khadar translated Tattot Balkrishnan

U A Khadar translated Tattot Balkrishnan

यू.ए. खादर (जन्म 1935 बिल्लिन म्याँमार) मलयालम्‌ के प्रसिद्ध कथाकार। मद्रास विश्वविद्यालय से एस.एस.एल.सी की पढ़ाई के बाद मद्रास कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड क्राफ़्ट्स से चित्रकला का अध्ययन। आपके अभी तक 27 उपन्यास, 10 लघु उपन्यास और 8 कहानी संग्रह प्रकाशित हैं। आपकी प्रमुख कृतियाँ हैं-कोदिमाया चुवत्तिले मेलम, वायेप्पा थालम, ओरू पिदिवस्तु; अघोरगशिवम्‌, कलशग (उपन्यास), तृक्‍कोट्टूरपेरूम, धनमत्रम कथा; अनुरागम एवन पदुमबोला (लघुउपन्यास), कोलीमूनुबात्तम कुकुमबोला, रागलोला, कोया (कहानी-संग्रह)। मेडिकल कॉलेज, कालीकट से प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद आपने प्रतिनियुक्ति के आधार पर आकाशवाणी, कोजीकोड में पाँच वर्ष काम किया। आपको केरल राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार, पद्म पुरस्कार, मलयाट्टूर पुरस्कार, अबूधाबी सकथाई पुरस्कार, वी.टी. स्मारक लिटरेरी पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया है। तृकोट्टूर नोवल्लकल के लिए सन्‌ 2009 में आपको साहित्य अकादेमी पुरस्कार प्रदान किया गया।

तत्तोत्त बालकृष्णन (जन्म 1935 वटकरा) : शिक्षा एम.ए. बी.एड., हिंदी के प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त। केरल के हिंदी प्रचारकों में आपका बड़ा स्थान है। 1954 से केरल में आप हिंदी का प्रचार कर रहे हैं। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की प्राथमिक से लेकर राष्ट्रभाषा प्रवीण तक की परीक्षाओं के लिए विद्यार्थियों को तैयार करते रहे हैं। हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कविताएँ और कहानियाँ प्रकाशित होती रही हैं। राजस्थान के नाथद्वारा साहित्य मण्डल द्वारा आपको सम्मानित किया गया। आप की प्रकाशित प्रमुख पुस्तकें है- सरस्वती जब सामने आई (हिंदी कहानी संग्रह), अकबर बीरबल विनोद (मलयालम्‌ बाल साहित्य), आत्म विद्या (हिंदी अनुवाद), भारत के ग्राचीन आचार्य और साहित्य के सिद्धांत (मलयालम्)।

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