Vibha Rani
विभा रानी
राष्ट्रीय स्तर की हिन्दी एवं मैथिली की लेखक, अनुवादक, व थिएटर कलाकार विभा रानी की अब तक 15 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित व चर्चित हो चुकी हैं।
‘बंद कमरे का कोरस’, ‘चल खुसरों घर आपने’, ‘इसी देश के इसी शहर में’, (हिन्दी कहानी संग्रह), ‘खोह स निकसइत’ (मैथिली कहानी संग्रह) व मैथिली नाटक ‘भाग रौ’, ‘मदद करु संतोषी माता’ और ‘बालचंदा’ के साथ ही ‘मिथिला की लोककथाएं’ व ‘गोनू झा के किस्से’ और ब्लॉग ‘छम्मकछल्लो कहिस…!’ बहुचर्चित। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखकों की पांच पुस्तकों का मैथिली से अनुवाद प्रकाशित। अनेक एक पात्रीय नाटकों का लेखन व मंचन। नाटक ‘दूसरा आदमी, दूसरी औरत’ भारंगम 2002 में प्रस्तुत और प्रशंसित।
‘छम्मकछल्लो कहिस… !’ स्त्री विमर्श का छम्मकाना अंदाज लिए लेखों की नवीनतम पुस्तक है।
अनेक फिल्मों, टेली फिल्मों में अभिनय के साथ ही विभा रानी लोक तत्व को समर्पित कलाकार हैं। ‘अवितोको’ नामक बहुउद्देश्यीय संस्था से जुड़ी विभाजी एक सोशल एक्टिविस्ट भी हैं। ‘कथा अवार्ड-1999’, ‘धनश्यामदास साहित्य सम्मान’, ‘मोहन राकेश सम्मान’, ‘विमेन एचीवर एवार्ड’, ‘लाडली मीडिया एवार्ड’, ‘व्यंग्य रचनाकार सम्मान’ एवं ‘साहित्य सेवी सम्मान’ से सम्मानित विभा रानी का जीवन अनाथ बच्चों व बुजुर्गों को समर्पित है।