Vijay pani pandey
डॉ. विजय पाणि पाण्डेय प्रख्यात मानव-विज्ञानी, समाजसेवी एवं रचनाकार हैं। इन्होंने झारखंड में निवास करने वाली जनजातियों पर कई शोध परियोजनाओं में सक्रिय रूप से काम किया है। इनके समसामयिक आलेख समाचारपत्रों में प्रकाशित होते रहे हैं। ये आकाशवाणी और विभिन्न सामाजिक संगठनों से भी जुड़े हुए हैं। इन्हें डरबन विश्वविद्यालय (दक्षिण अफ्रीका) में अंतरराष्ट्रीय मंच से अपना शोध आलेख प्रस्तुत करने का अवसर भी मिला है।
धनंजय चोपड़ा वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, अनुवादक तथा स्तंभकार हैं। मीडिया, व्यंग्य, कहानी व बाल साहित्य पर उनकी अब तक 15 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। के.के. बिरला फैलोशिप व संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की सीनियर फैलोशिप के साथ-साथ उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के बाबूराव विष्णु पराड़कर पुरस्कार व धर्मवीर भारती पुरस्कार तथा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महात्मा गांधी हिंदी लेखन पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।