1000 Paryavaran Prashnottari
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Description
1000 पर्यावरण प्रश्नोत्तरी
हमारी पृथ्वी का एक नाम ‘वसुधा’ भी है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ भारतीय संस्कृति का उद्घोष है। हमारी वसुधा, जो इनसानों, पशु-पक्षियों और वनस्पतियों का घर है, संकट से घिरी है। वातावरण के प्रदूषण ने उसका गला घोंट रखा है। औद्योगिक विकास की गति बढ़ने से, शहरीकरण और वाहनों की बढ़ती संख्या से वायु-प्रदूषण की समस्या अनुभव की जा रही है। पर्यावरण से संबंधित बहुत से मुद्दे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं-पानी का बेकार बहना, ऊर्जा खपत, ईंधन खपत, कूड़ा-कचरा, मल-मूत्र निपटान आदि की समस्या। प्रकृति की साझेदारी में वायुमंडल एवं जीवमंडल का एक निश्चित अनुपात है। यह अनुपात जब भी बिगड़ता है, प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाता है। यदि मनुष्य कुदरत के साथ अनावश्यक छेड़छाड़ न करे तो विपदाओं मे बचा जा सकेगा।
सदियों से प्रकृति के प्रति हमारा अगाध स्नेह रहा है। इसीलिए आज भी इस बात की जरूरत है कि हम प्रकृति के बोर में सजग बनें।
प्रस्तुत पुस्तक पर्यावरण के संबंध में अनेक महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ देने के साथ-साथ विषय के प्रति पाठकों में उत्सुकता व जिज्ञासा का भाव भी उत्पन्न करेगी, ऐसा विश्वास है।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2022 |
Pulisher |
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