Aadhar Chayan Kahaniyan
Aadhar Chayan Kahaniyan
₹300.00 ₹250.00
₹300.00 ₹250.00
Author: S.R Harnot
Pages: 220
Year: 2012
Binding: Hardbound
ISBN: 9788176753715
Language: Hindi
Publisher: Aadhar Prakashan
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Description
आधार चयन कहानियाँ
गुजरी हुई सदी के अंतिम चरण और नयी सदी के पहले दशक के बीच कथाकार एस.आर. हरनोट ने समकालीन हिन्दी कहानी में अपने लिए एक विशिष्ट जगह बनाई है। इन कहानियों में ज्यादातर उन लोगों की बात की गई है जो अनेक निजी और वर्ग-जातीय कठिनाइयों के बावजूद अपने ग्रामीण मूल को नहीं भूले हैं। इनकी टुकड़ा-टुकड़ा हुई जीवनियां तहज़ीबदार इन्सानियत, पाकदामन और पर्वतीय भूगोल में निबद्ध कृति से जुड़ी हैं। वे वस्तुतः जातीय, आर्थिक और असंतुलित सामाजिक हालात में घिरे अपने-अपने स्तर घर आज भी संघर्ष कर रहे हैं।
यहां महज मार्क्स की द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद की दुश्वार जद्दोजहद का ही सवाल नहीं, एक ऐसे सुरमयी अहसास की बात है जिसमें सहज जीवनी शक्ति पस्त होती दिखायी देती है। कहानीकार ने पर्वतीय उपत्याकाओं में खेती/शिल्प कर रहे लोगों के अंदर रहकर अपने कथा संसार की रचना की है। उसने अपनी ठोस यथार्थपरक और रचनात्मक कहानियों से आज के आम आदमी के बीच की दरारों को तीव्रतर ढंग से दिखाया है और ‘बाहर की दुनिया’ के रूबरू कुछ ऐसे अहम प्रश्न खड़े किए हैं जो संवेदनशील जनमानस का ध्यान सहजता के साथ अपनी ओर खींचते हैं।
प्रस्तुत संकलन की कहानियां एस.आर. हरनोट द्वारा रचित करीब सौ-एक कहानियों में से कुछेक चुनिंदा कहानियां हैं जो दूर से सुन्दर दिखायी देने वाले हिमालय प्रांतर की पिछड़ी और अलग-अलग पड़ गई घाटियों में रह रहे शोषित समाज के जीवन-परिवेश का जायजा लेती हैं। कथाकार ने अपने गल्प में आम देहाती जीवन की नव-समाजवादी और अनिंद्यय छवियों को अपने पूर्ववर्ती कथाकारों की लीक से आगे बढ़ाया है और इस दृष्टि से इन कहानियों की अपनी एक अलग पहचान हिन्दी साहित्य के कथा-संसार में नजर आती है। इन कहानियों की मटगंध और साफगोबयानी हिन्दी के जागरूक पाठकों ने पहले भी महसूस की है और अब भी करेंगे।
हमें यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि आधार ने हरनोट के तीन कहानी संग्रह ‘दारोश तथा अन्य कहानियां’, ‘जीनकाठी तथा अन्य कहानियां’, ‘मिट्टी के लोग’ और एक उपन्यास ‘हिडिम्ब’ प्रकाशित किया है, जिन्हें पाठकों का अपार स्नेह मिला है और आलोचकों ने इन कृतियों का गंभीरता से विवेचन भी किया है। इसी का परिणाम है कि आधार प्रकाशन द्वारा प्रकाशित उनकी सभी पुस्तकों के दो से अधिक संस्करण छप चुके हैं।
अनुक्रम
- बिल्लियां बतियाती हैं
- जीनकाठी
- मिट्टी के लोग
- बेजुबान दोस्त
- किन्नर
- माफिया
- चीखें
- एम.डॉट कॉम
- चश्मदीद
- कालिख
- मां पढ़ती है
- लाल होता दरख्त
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2012 |
Pulisher |
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