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Description
आधुनिक भारतीय साहित्य
‘आधुनिक भारतीय साहित्य’ में सभी भारतीय भाषाओं के परिचयात्मक इतिहास का समावेश किया गया है। इसे उच्चशिक्षण संस्थाओं से जुड़े विद्वानों ने लिखा है। डॉ. राजेन्द्र मिश्र की यह 95 वीं प्रकाशित पुस्तक है।
इस पुस्तक का संपादन करते हुए लेखक ने भारतीय साहित्य के स्वरूप पर व्यापक रूप से लिखा है। साथ ही इस पुस्तक में १४ भारतीय भाषाओं पर आलेख हैं। इन भाषाओं में असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, गुजराती, तमिल, तेलुगु, पंजाबी, बंगला, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, सिंधी और हिंदी भाषाओं के आधुनिक साहित्य पर व्यापक सामग्री दी गई है।
आधुनिक भारतीय साहित्य पर यह पहली पुस्तक है। इसके पूर्व भारतीय साहित्य पर डॉ. नगेन्द्र ने एक पुस्तक संपादित की थी। उसके ३० वर्ष बाद इस व्यापक विषय पर यह पुस्तक प्रकाशित हो रही है।
भारतीय साहित्य की सांस्कृतिक एकता उसके धर्म और दर्शन की व्यापकता पर निर्भर है। भारतीय भाषाएँ द्रविड़ और आर्य वर्ग में विभाजित होते हुए भी उनमें व्यापक समन्वय है। एक ही समस्या है कि हर भाषा की अपनी लिपि होने से उनमें समानता होते हुए भी व्यापक असमानता का अनुभव होता है। जबकि यह सच नहीं है। भारत की भौगोलिकता भी इस समन्वय का आधार है।
यह पुस्तक भारतीय साहित्य के सभी पाठकों के लिए अत्यंत उपादेय है। भारतीय लेखकों, शोधकर्त्ताओं और प्राध्यापकों के लिए यह एक व्यापक मंच भी है। हमें उम्मीद है कि इस पुस्तक का व्यापक स्वागत होगा और इसे सभी उच्चशिक्षण संस्थाओं के लिए उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें शामिल सभी भाषाएँ भारतीय संविधान में स्वीकृत प्रमुख भाषाएँ हैं।
Additional information
Authors | |
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Binding | Hardbound |
ISBN | |
Language | Hindi |
Pages | |
Publishing Year | 2019 |
Pulisher |
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